एआरटीओ और मुकामी पुलिस की मिलीभगत, धड़ल्ले से चल रहे प्राइवेट डग्गामार वाहन
लोकल परमिट का कवच ओढ़कर यूपी के अंबेडकर नगर से दौड़ रहीं सैकड़ों बसें
अंबेडकरनगर(वेबवार्ता)- प्रदेश सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद अंबेडकरनगर जनपद में डग्गामार वाहनों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। परिवहन विभाग की अनदेखी के चलते डग्गामार वाहन सवारियों को असीमित संख्या में बैठाकर सड़कों पर धड़ल्ले से फर्राटा भरते नजर आते हैं। इन डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई नहीं होने से संचालको के हौसले बुलंद देखे जा रहे हैं।दबी जुबान में लोगों ने बताया कि बिना परमिट के सांठ-गांठ से इन टूरिस्ट बसों की जनपद के विभिन्न जगहों से दिल्ली , लखनऊ और इलाहाबाद के लिए डग्गामारी की जाती हैं। बसों की किसी दूसरे रुट का परमिट होने के कारण प्रशासन से सांठ-गांठ से चोरी छिपे संचालन किया जाता। इन डग्गामार बसों के कथित एजेंटो द्वारा जगह-जगह काउन्टर लगाकर सवारियों से मनमानी किराया भी वसूला जाता हैं।एआरटीओ और लोकल पुलिस उसके बाद में जिले का आला हाकिम के संरक्षण पाकर बस माफिया फल फूल रहे हैं, उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं करके आला अधिकारी संरक्षण दे रहे हैं डग्गामार वाहन जैसे प्राइवेट बसें स्कूली वाहन ऐसे डग्गामार वाहनों की परमिट भी खत्म होने के बाद धड़ल्ले से यमदूत बंद कर रोड पर दौड़ रहे हैं लेकिन एआरटीओ विभाग मालामाल हो रहा है यही तक बात नहीं खत्म होती यह डग्गामार वाहन, बस मनमानी तरीके से जहां चौराहे पर खड़ा कर देते हैं वहीं पर सवारी भरते हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा संरक्षण प्राप्त होने के कारण उनका कोई कुछ नहीं कर पाता आखिर इतना बड़ा संरक्षण देने वाला कौन है जो डग्गामार वाहन कि मालिक ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं होती
डग्गामारी बसों और वाहनों पर अंकुश नहीं लग पाने के कारण परिवहन विभाग की कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान खड़े होने लगे। आखिर इन आधिकारिक डाटा से अधिक संख्या में इन डग्गामारी बसों का असीमित संख्या में संचालन किसके संरक्षण में चल रहा हैं। ऐसा क्यों और जनता के ऊपर एआरटीओ कभी हेलमेट चालान और सीट बेल्ट कभी कुछ जनता से पैसा वसूल केवल कागजी खानापूर्ति के काम में लगे रहते हैं।