-गांव-गांव चलाएं जागरूकता अभियान, कृषकों से संवाद कर बताएं फसल अवशेष जलाने के दुष्प्रभाव
लखीमपुर खीरी, 06 सितंबर (शिवम वर्मा)। फसलों के अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए बुधवार की देर शाम डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में अफसर संग बैठक की। अफसर अपने-अपने क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाएं। बैठक का संचालन सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने किया।
डीएम ने कहा कि फसल की कटाई से रबी की बुवाई तक मानीटरिंग की कार्यवाही व्यापक स्तर पर की जाए। फसल कटाई के दौरान प्रयोग की जाने वाली कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर अथवा अन्य कोई फसल अवशेष प्रबन्धन यन्त्र का उपयोग किया जाना जरूरी होगा। यह सुनिश्चित किया जाये कि उक्त व्यवस्था बगैर कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई न करने पाये। यदि कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रारेक एवं बेलर या अन्य फसल अवशेष प्रबन्धन यन्त्रों के बगैर चलते हुयी पायी जाये तो उसको तत्काल सीज करते हुये कम्बाइन मालिक के स्वयं के खर्च पर सुपर स्ट्रा- मैनेजमेन्ट सिस्टम लगवाकर ही छोड़ा जाये।
डीएम ने अधीनस्थों को प्रतिदिन अनुश्रवण किए जाने एवं प्रत्येक गांव के ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल को किसी भी दशा में अपने से सम्बन्धित क्षेत्र में पराली/कृषि अपशिष्ट न जलाये जाने के लिए कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए। डीएम ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए कि अपने क्षेत्र में फसल अवशेष को जलने से रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें तथा किसी भी दशा में फसल अवशेष को न जलने दें।
सीडीओ अनिल कुमार सिंह ने सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए की वह अपने विकासखंड क्षेत्र के सभी ग्राम प्रधान अपने-अपने ग्रामों में बैठक करके फसल अवशेष चलाने के दुष्प्रभाव बताएंगे। इस दौरान ग्राम प्रधान अपने ग्राम के ग्रामीण एवं कृषको को फसल अवशेष ना जलाने की शपथ दिलाएंगे और जागरूक करेंगे।
फसल अवशेष जलाया जाना एक दण्डनीय अपराध, लगेगा जुर्माना : डीएम
बैठक में डीएम ने अफसरों को निर्देश दिए कि कृषकों को बताए कि एनजीटी के आदेशानुसार फसल अवशेष जलाया जाना एक दण्डनीय अपराध है। राजस्व विभाग द्वारा पर्यावरण को हो रहे क्षतिपूर्ति की वसूली के निर्देश है। इसमें 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपए, 02 से 05 एकड़ क्षेत्र के लिए 5000 रुपए और 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रू. 15000 रुपए तक पर्यावरण कम्पन्सेशन की वसूली के निर्देश है।
पराली जलाने की घटना पाये जाने पर सम्बन्धित को दण्डित करने के सम्बन्ध में राजस्व विभाग के शासनादेश द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा 24 के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं धारा-26 के अन्तर्गत उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर सम्बन्धित के विरुद्ध अर्थदण्ड इत्यादि की कार्यवाही के प्रावधानों से भी कृषको को अवगत कराया जाये। बैठक में डीडीओ दिनकर विद्यार्थी, सभी जिला स्तरीय अधिकारी, सभी उप जिलाधिकारी, तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी मौजूद रहे।