सामाजिक समरसता में समाचार–पत्र अहम अस्त्रः डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी
अयोध्या(वेबवार्ता)- डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा रविवार को भारतीय अखबार दिवस पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एमसीजे समन्वयक डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय पत्रकारिता की शुरुआत 29 जनवरी 1780 में अंग्रेज अधिकारी जेम्स ऑगस्टस हिकी द्वारा कोलकाता से बंगाल गजट के प्रकाशन के साथ हुई थी। इसी दिन को भारतीय अखबार दिवस के रूप में मनाते हैं। उन्होंने बताया कि जेम्स ऑगस्टस हिकी ने भारतीय जनमानस के प्रति ब्रिटिश सरकार द्वारा किए जा रहे भेदभाव पूर्ण व्यवहार एवं अमानवीय यातना का खुलकर विरोध किया था। जिसके कारण उन्हें अंग्रेजों द्वारा कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा था। उन्होने बताया कि स्वतंत्रता आंदोलन में कई साहित्कारों व क्रांतिकारियों ने समाचार-पत्रों को एक अस्त्र के रूप में इस्तेमाल किया था जिसमें राजा राममोहन राय ने भारतीय कुप्रथाओं को खत्म करने में व आजादी की लड़ाई में महात्मा गाँधी, लाला लाजपत राय सहित अन्य क्रांतिकारियों ने समाचार पत्रों का भरपूर सहयोग लिया था। वहीं भीम राव अम्बेडकर ने भी पत्रकारिता को सामाजिक समरसता के लिए एक अहम अस्त्र बनाया। अन्त में डाॅ0 चतुर्वेदी ने कहा कि सारे खबरों की खबर रखने वाला समाचार-पत्र ही है। जो पाठकों के दिल में जिंदा है और जिंदा रहेगा।
गोष्ठी में विभाग के शिक्षक डॉ0 राज नारायण पांडेय ने कहा कि जेम्स ऑगस्टस हिकी ने भारत में पत्रकारिता की शुरुआत अंग्रेजी सरकार की दमन नीतियों के खिलाफ की थी। हिकी ने अंग्रेज होने के बावजूद भी भारतीय जनमानस के प्रति हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई और उन्होंने कोलकाता को भारतीय पत्रकारिता की जन्म भूमि के रूप में स्थापित किया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता समाज को सर्व समर्थ बनाने में सक्षम रही है। इसके आदर्श मूल्यों को बनाए रखना जरूरी है। विभाग के शिक्षक डॉ0 अनिल कुमार विश्वा ने बताया कि पत्रकारिता समाज के सर्वांगीण विकास के लिए की जानी चाहिए। किसी वर्ग विशेष या स्वयं के हित के लिए पत्रकारिता का उद्देश्य नहीं होना चाहिए। पत्रकारिता जनमानस की आवाज होती है। इसके मूल्यों, आदर्शों और पवित्रता को बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है। इसी क्रम में विभाग के छात्र सुभाष सिंह ने कहा कि अखबार जन की आवाज है। इन्हें किसी के प्रभाव में नहीं आना चाहिए। इन्हें सदैव मानव व समाज के हित में कार्य करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 चतुर्वेदी द्वारा किया गया। इस अवसर पर गीताजंलि मिश्रा, प्रगति ठाकुर, प्रणीता राय, रोशनी कुमारी, रजनीश मिश्रा, चन्द्रशेखर सोनी, दिव्यांश मिश्रा, संतोष कुमार, सुनील पाठक, अविनाश सिंह, अनमोल उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं आनलाइन जुड़े रहे।