– कुमार मुकेश –
वरिष्ठ प्रणाली विश्लेषक/ डीआईओ एनआईसी ने तकनीकी जांच करने से किया इनकार एनएचएम मिशन निदेशक ने डीआईओ को पूरी प्रक्रिया में शामिल करने के दिए थे निर्देश…..
अयोध्या(वेबवार्ता)- केन्द्र सरकार ने ग्रामीणों को उनके गांव के निकट स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने के लिए पूरे देश में हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टरों की स्थापना का जो सपना देख था। उस पर प्रथम चरण में ही सवालिया निशान लगने लगे हैं। अयोध्या जनपद में हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटरों में के संचालन के लिए की गई लैपटॉप व अन्य सामनों की खरीद के लिए गुपचुप तरीके से की गई खरीद को की लेकर जिले के एक जिम्मेदार अधिकारी ने टेण्डर से लेकर कम्प्यूटर की खरीद तक को दूषित बता कर खरीदे गए सामानों की गुणवत्ता की रिपोर्ट देने से इनकार कर दिया। गुणवत्ता रिपोर्ट के अभाव में हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटरों पर कम्प्यूटर का वितरण नहीं हो पा रहा है। |
आजकाल अयोध्या जनपद में स्थापित हो रहे 118 हेल्थ प्रताप
अयोध्या जनपद में स्थापित हो रहे 118 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटरों पर नियुक्त किए गए कम्यूनिटी हेल्थ आफीसर ( सीएचओ) को लेपटाप, प्रिंटर व हेडफोन, प्रिंटर बार कोड स्कैनर उपलब्ध कराने के लिए टेण्डर के माध्यम से खरीद की जानी थी। इस सम्बन्ध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक की ओर से सीएमओ को पत्र भेजकर कहा गया था कि टेण्डर प्रक्रिया से लेकर लैपटॉप खरीद आदि में वरिष्ठ प्रणाली विश्लेषक/ डीआईओ एनआईसी को शामिल किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के एक नोडल अधिकारी ने टेण्डर व लैपटॉप प्रक्रिया में कहीं भी डीआईओ एनआईसी को शामिल नहीं किया। शासन की निर्देश है कि खरीदे गए सामानों की गुणवत्ता की रिपोर्ट डीआईओ एनआईसी की ओर से दिए जाने के बाद ही सामानों को हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटरों पर वितरित किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अजय राजा की ओर से वरिष्ठ प्रणाली विश्लेषक/डी आई ओ एनआईसी को चार जून 2022 को पत्र लिखकर यह कहा गया कि लैपटॉप व अन्य सामानों की गुणवत्ता रिपोर्ट के लिए टीम गठित कर अपनी रिपोर्ट दें। सीएमओ के पत्र पर वरिष्ट प्रणाली विश्लेषक प्रसून पाण्डेय ने पांच जुलाई को सीएमओ को पत्र भेजकर जवाब दिया कि मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वयं
यह जवाब दिया कि मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से भेजे गए पत्र में मुझे टेण्डर प्रक्रिया व खरीद प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए था। किन्तु मुझे किसी भी कार्रवाई में शामिल नही किया गया। ऐसे में टेण्डर प्रक्रिया व लैपटॉप प्रक्रिया दोनो प्रारम्भ से ही दूषित है। ऐसे में मेरे स्तर से उपकरणों के तकनीकी परीक्षण का कोई औचित्य नही है। डीआईओ एनआईसी की ओर से दिए गए जवाब के बाद सीएमओ ने उनको दोबारा पत्र भेजकर यह कहा कि निदेशक के निर्देश पर भी टेण्डर व खरीद की गई है। सभी समानों की खरीद जैम पोर्टल से निर्धारित दर पर की गई है। सीएमओ के पत्र का डीआईओ ने अपना उत्तर दोहराते हुए कहा कि हमारे स्तर से कोई तकनीकी जांच रिपोर्ट दे पाना सम्भव नही है। गुणवत्ता की तकनीकी जांच रिपोर्ट के अभाव में हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटरों को लैपटॉप व अन्य उपकरणों का वितरण नही हो पा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार लैपटॉप व अन्य सामानों की खरीद में स्वास्थ्य विभाग एनएचएम के कुछ अधिकारियों को भी शामिल किया जाना था। किन्तु नोडल अधिकारी ने मिशन निदेशक के निर्देश के बावजूद जिस प्रकार डी आई ओ एनआईसी को दरकिनार कर टेण्डर व खरीद प्रक्रिया पूरी करा ली उसी प्रकार अन्य अधिकारियों को भी
किया जाना था। किन्तु नोडल अधिकारी ने मिशन निदेशक के निर्देश के बावजूद जिस प्रकार डीआईओ एनआईसी को दरकिनार कर टेण्डर व खरीद प्रक्रिया पूरी करा ली उसी प्रकार अन्य अधिकारियों को भी टेण्डर प्रक्रिया व उपकरणों की खरीद में शामिल नही किया गया।
क्या कहते हैं सीएमओ डा. अजय राजा
इस सम्बन्ध में सीएमओ डा. अजय राजा से जब जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि टेण्डर प्रक्रिया व उपकरणों की खरीद पूरी पारदर्शिता से की गई है। जैम पोर्टल की गाइड लाइन का पूरा पालन किया गया है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ प्रणाली विश्लेषक/ डीआईओ एनआईसी को पत्र लिखकर खरीदे गए लैपटाप की गुणवत्ता रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। उन्होंने रिपोर्ट देने से इनकार किया है। इस सम्बन्ध में अब मिशन निदेशक एनएचएम को पत्र भेजकर गाइड लाइन मांगी गई है। जैसा निर्देश होगा वैसा किया जाएगा।