अयोध्या/रौजागांव(वेबवार्ता)-रौजागांव चीनी मिल के गेट पर गन्ने की ढेरों ट्रालियां गेट के बाहर कर दी गई। किसानों का गन्ना चेक नहीं किया गया। साथ ही किसानों के साथ अभद्र शब्दों का इस्तेमाल करते हुए किसानों की ट्रालियां लौटाई गई।
मिल का कोई अधिकारी व कर्मचारी किसानों की पीड़ा को समझने को तैयार नहीं । गन्ना समय से ना तैयार हो पाने के कारण पर्ची हायल हो गई पर्ची पुनः जारी होने तक किसानों को लगभग 1 सप्ताह लग गया।
किसान मरता ना तो करता क्या
कहीं जलभराव के कारण गन्ने में जड़ तो कहीं जलभराव के कारण हल्का-फुल्का गन्ना सूखा गया। तराई क्षेत्र में पुआल की व्यवस्था ना हो पाने के कारण किसान अगोले से गन्ना बांधने पर मजबूर हैं।आधिकारी जानते हुए भी अनदेखी करते हैं।मिल की तरफ से किसानों को नहीं कोई सुविधा मिल पा रही है।किसान ट्राली के नीचे सोने को बेबस है।खाड़े में कोई साफ सफाई नहीं है।सांप बिच्छू के बीच किसानों को 24 से 48 घंटे बिताने पड़ते हैं। खाड़े में साफ सफाई ना होने कारण बड़े-बड़े मच्छर काटते हैं जिससे किसान बीमार हो सकता है।न तो कहीं अलाव की व्यवस्था है न तो पेयजल की।हैंड पंप लगे भी हैं तो पड़े हैं खराब। यह भी कर्मचारी व अधिकारी को नहीं दिखता है।