कनौसा कांवेंट की हाईस्कूल की छात्रा मिस्कत नूर में 97.83% अंक लाकर अयोध्या का नाम किया रोशन
सोहावल /अयोध्या (वेबवार्ता)- मिशकत नूर ने हाईस्कूल में यूपी में दूसरी रैंक हासिल कर अयोध्या का नाम रोशन कर दिया है। उन्होंने 97.83% अंक पाए। मिशकत के पिता एक मदरसे में शिक्षक हैं। मस्जिदों में तकरीर पढ़ते हैं। परिवार शहर के हसनू कटरा में रहता है। मिशकत नूर की शुरुआती पढ़ाई मदरसे में हुई। हाईस्कूल की टॉपर मिशकत नूर, दो भाइयों और दो बहनों के साथ रहती हैं। उसके पिता मुफ्ती मैमूद्दीन ने बताया कि मिशकत परीक्षा के दौरान बीमार हो गई थी। बिना कोचिंग के रोज 6 घंटे तक मैं पढ़ती थी।आइए जानते हैं मिशकत के पढ़ाई के दिनों के संघर्ष की मिशकत नूर का कहना है कि मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं और नीट की परीक्षा क्लीयर करनी है। मेरे स्कूल की टीचर्स बहुत अच्छी हैं। पहले से हमें ऐसी तैयारी करती हैं कि हम अच्छा रिजल्ट दे सकें। मेरा फोकस मेरी मेन बुक पर था। मैंने दूसरी किताबों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। मुझे रोजाना सुबह, दोपहर या शाम में जब भी समय मिलता था मैं पढ़ाई कर लेती थी। मैं एक दिन में चार से लेकर 6 घंटे तक पढ़ाई करती थी। मैं खुश हूं लेकिन मैं और भी नंबर पा सकती थी। मैंने शुरुआत से पढ़ाई पर फोकस किया है। हाईस्कूल में एडमिशन होने के बाद से मेरा फोकस सिर्फ पढ़ाई पर था। फिलहाल यूपी में दूसरा स्थान लाने पर राम नगरी अयोध्या का सिर तो ऊंचा हुआ ही है तो वहीं, घरवाले और विद्यालय वाले भी बच्चे की तारीफ करना नहीं चूक रहे हैं।जब समय मिलता तब मैं पढ़ती थी मिशकत ने बताया कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी 10वीं में दाखिला लेते ही शुरू कर दी थी। जब समय मिलता तभी वह पढ़ाई करतीं। कोचिंग से पढ़ाई नहीं की। मुझे खुद पर हमेशा से भरोसा रहा है। तनाव के साथ पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। इससे लक्ष्य की प्राप्ति नहीं होती है।मैं इसका श्रेय अल्ला को देती हूं मिशकत ने कनोस्सा कॉन्वेंट गर्ल्स इंटरमीडिएट कॉलेज में अपना एडमिशन कराया। जहां पर पढ़ाई कर इतिहास रच दिया। वहीं, स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि यह तो पहले ही मालूम था कि यह बिटिया टॉप करेगी। मिशकत नूर इसका श्रेय सबसे पहले अल्लाह को देती है फिर मां-बाप और फिर अपने शिक्षकों को। घर पर बधाई का सिलसिला आना जाना लगा हुआ है।