-स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों के वरदहस्त के चलते खरीद बेचा जा रहा खून
लखीमपुर खीरी, 14 सितंबर (खुर्शीद आलम)। अब तक स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों के रहमों करम पर जनपद में सैकड़ों अवैध अस्पताल संचालित हो रहे हैं जो लोगों के स्वास्थ्य के साथ खुला खिलवाड़ कर रहे हैं। अब विभागीय जिम्मेदारों की शह पर कई ऐसे ब्लड बैंक व हेल्थ केयर सेंटर है जिनमें खून का सौदा किया जा रहा है। बताया तो यहां तक जाता है कि जो लोग स्वेच्छा से अपना रक्तदान करते हैं उनके रक्त को भी जनपद में तैनात धन उपार्जन के चलते बेच देते हैं।
हादसे में घायलों या आपरेशन में जरूरतमंद के लिए खून की हर एक बूंद कीमती है। (ब्लड बैंक) इसीलिए होते हैं कि जरूरतमंद को समय पर ब्लड यानी खून मिल जाए। हालांकि इन दिनों लखीमपुर खीरी जिले के अधिकांश बड़े ब्लड बैंक दलालों के गिरोह के कब्जे में हैं। इनका जाल ऐसा है जिसमें फंसकर ब्लड बैंक दिनों दिन दम तोड़ रहे हैं। एक यूनिट ब्लड की कीमत मुंहमांगी है। पांच से दस हजार रुपये तक एक यूनिट ब्लड बेचने का धंधा खुलेआम हो रहा है। इस मामले में जिम्मेदार अफसर चुप्पी साधे हैं। रक्तदान महादान की कहावत को सर्मसार कर रहे आरजेडी चैरिटेबल ब्लड बैंक में खून की खरीद बिक्री का हो रहा बड़ा गन्दा खेल।
नशेड़ी गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर संक्रमित रक्त की खरीद बिक्री नेशनल हाईवे एलआरपी रोड पर धड़ल्ले से की जा रही है। ज्ञात सूत्रों के अनुसार मोहल्ला गोमती नगर एलआरपी गोला रोड निकट लखनऊ पब्लिक स्कूल लखीमपुर में आरजेडी चैरिटेबल ब्लड बैंक में खून की खरीद व बिक्री मानकों के विरुद्ध की जा रही है। बताते चलें गत दिनों पहले की बात है जब मीडिया के लोग वहां पहुंचे तो दो लोग अंदर से खून निकलवा कर आ रहे थे जैसे पूछताछ शुरू की पास के खोखे में चंदन पूड़ी सब्जी वाले के यहां बैठे व्यक्ति ने काली पॉलिथीन में आरजेडी चैरिटेबल ब्लड बैंक का खून एक यूनिट खून का पैकेट छोड़कर वहां से निकल गया पूछने पर किसी ने नहीं बताया कि यह किसने रखा है। खून बेचने वालों से जब मीडिया ने बात किया तो उन्होंने बताया कि हम फूल बेहड़ से आए हैं हमने 18 सो रुपए में खून बेचा है।
नाम पूछने पर सलमान बताया, दूसरा आरिफ जो 2 दिन पहले 1200 रोये में खून बेच कर गया था। सलमान ने बताया हम गरीब आदमी हैं चंदन पूड़ी सब्जी वाले के द्वारा यहां पर 2000 रुपए देने की बात कही गई थी लेकिन जब एक यूनिट खून निकाल लिया तो कहने लगे तुम्हारा खून दूसरे के चढ़ने योग्य नहीं है। तुमको कम पैसे मिल पाएंगे बड़ा कहने सुनने पर 18 सौ रुपए हमें दिए गए वहीं आरिफ ने बताया कि हमारे खून का सौदा 2000 रुपए का हुआ था और सिर्फ 1200 रुपए में परसों हमें मिले और पैसे कहा नहीं मिल पाएंगे दोनों खून बिक्री करने वाले लोगों को एलआरपी चौकी पहुंचा गया लेकिन वहां के चौकी इंचार्ज जेपी यादव ने सिर्फ पूछताछ की और वहां से सलमान और आरिफ को यह कहकर भगा दिया की स्वैच्क्षा से अपना खून बेचा है। इसलिए इन्हें छोड़ दिया है।
इस मामले की सूचना फोन से सीएमओ को दी गई तो उन्होंने अपने आधिकार क्षेत्र मे न होने को लेकर पल्ला झाड़ने हुए फोन काट दिया ड्रग इंस्पेक्टर सुनील रावत से बात करने पर बताया कि हम बाहर हैं इस मामले की जांच करते हैं डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने एसपी से बात करने को कहा एसपी संबंधित कोतवाली में करवाई कराने की बात कह कर मामले से पल्ला झाड़ लिया। तथा आरजेडी चैरिटेबल ब्लड बैंक के डॉक्टर का नाम पूछने पर अपना नाम ना बताते हुए कहा कि हम खरीद बिक्री नहीं करते हैं जो स्वेच्छा से ब्लड देता है।उसे हम बदले में खून दे देते हैं। सोचने की बात यह है। रक्तदान महादान की कहावत को ताक में रखते हुए प्रशासन की नाक की नीचे खून की बिक्री का गंदा खेल खेला जा रहा है जिस पर प्रशासन मुक दर्शक बना बैठा है देखना यह है कि प्रशासन जिंदगी मौत के इस गंभीर मसले को कब संज्ञान में लेता है यह भविष्य के गर्भ में है।