मथुरा, (वेब वार्ता)। इस बार सावन माह में अधिक मास 16 अगस्त को खत्म होने जा रहा है। इसके बाद तीन साल उपरांत अधिक मास 2026 में जेठ का महीना होगा, जबकि 2029 में चैत्र और 2031 में भाद्रपद और 2034 में आषाढ़ का महीना अधिक मास होगा।
ज्योतिषाचार्य कामेश्वर चतुर्वेदी का कहना है कि अधिक मास में व्रत, दान, धर्म कथा श्रवण का विशेष महत्व है। भगवान पुरुषोत्तम को प्रसन्नता प्रदान करने वाला अधिक मास 16 अगस्त तक रहेगा। उन्होंने कहा कि सूर्य सिद्धांत मुहूर्त चिंतामणि भविष्य पुराण आदि ग्रंथ में अधिक मास का विवरण मिलता है, जिस चांद मास में सौर संक्रांति नहीं होती वह महीना अधिक मास नाम से जाना जाता है। जिसको पुरुषोत्तम मास कहा जाता है। इस बार सावन मास जिसके स्वामी स्वयं भगवान पुरुषोत्तम हैं अधिक मास बना है, जो 16 अगस्त तक चलेगा।
उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए 13 वां महीना अधिक मास बनाया और नरसिंह अवतार लिया। महाभारत ग्रंथ में स्वयं भीष्म पितामह दुर्योधन के लिए अधिक मास का उल्लेख करते हैं और यह भी बताते हैं कि पांडवों ने 12 वर्ष के वनवास और 1 वर्ष के अज्ञातवास में 5 अधिक मास देखे हैं।