वेबवार्ता: शिक्षक भर्ती घोटाला मामले (Teacher Recruitment Scam) में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को हाईकोर्ट (Kolkata High Court) से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने कहा है कि शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई ही करेगी।
दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट (Kolkata High Court) की एक खंडपीठ ने प्राथमिक विद्यालय शिक्षक भर्ती मामले (Teacher Recruitment Scam) में CBI (केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो) जांच कराने के सिंगल बेंच (एकल पीठ) के आदेश को शुक्रवार को बरकरार रखा।
साथ ही न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने एकल पीठ को जांच की निगरानी करने का भी निर्देश दिया। इससे पहले न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले में कथित अनियमितताओं की सीबीआई द्वारा जांच कराने का आदेश दिया था। इसी आदेश को बरकरार रखते हुए शुक्रवार को न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने कहा कि मामले में धन के लेन-देन की जांच जरूरत पड़ने पर की जाएगी।
अदालत ने निर्देश दिया कि ‘पश्चिम बंगाल प्राइमरी स्कूल बोर्ड’ से चुनिंदा रूप से एक अतिरिक्त अंक का लाभ पाने वाले 269 लोगों को उनकी नौकरी से हटाने का एकल पीठ का आदेश, एकल पीठ के समक्ष मामले के निपटारे तक बरकरार रहेगा।
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई सक्रिय हो गई है। कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार को सीबीआई की एक टीम ने प्राथमिक शिक्षा परिषद के कार्यालय पर तलाशी अभियान चलाया। सूत्रों के मुताबिक, टीईटी की नियुक्ति में गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए सीबीआई ने कार्यालय पर छापा मारा। टीम ने आवश्यक दस्तावेज अपने कब्जे में लिए। सीबीआई की टीम जिसमें चार लोग शामिल थे, शाम करीब चार बजे साल्ट लेक स्थित आचार्य सदन स्थित परिषद के कार्यालय पहुंची।