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Saturday, September 23, 2023

राजस्थान के लिए क्या है सबसे ज्यादा जरूरी? PM मोदी ने खुद बताया; पुराना बजट पढ़ने पर गहलोत को ऐसे घेरा

दौसा, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपने बजट भाषण के दौरान हुई ‘गफलत’ की ओर परोक्ष इशारा करते हुए रविवार को कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष किया और कहा कि इससे पता चलता है कि ‘कांग्रेस के पास न विजन है और न ही उसकी बातों में कोई वजन है।’ पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान को अब ऐसी अस्थिर सरकार व अनिश्चितता से मुक्ति चाहिए तभी राजस्थान में कानून का राज स्थापित हो पाएगा और यह तेज विकास के रास्ते पर चल पाएगा।

गहलोत के बजट भाषण पर कसा तंज
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने शुक्रवार को अपने बजट भाषण की शुरुआत में कुछ अंश पिछले साल के बजट से पढ़ दिए थे। इसकी ओर इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा ”साथियों ! मैं मानता हूं कि गलती किसी से भी हो सकती है…लेकिन इससे यह भी पता चलता है कि कांग्रेस के पास ना ही विजन है और ना ही उसकी बातों में कोई वजन रह गया है।”

मोदी दौसा के धनावड़ में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के एक फेज का उद्घाटन करने के बाद आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। पीएम मोदी ने कहा, ”कांग्रेस के लिए बजट और घोषणाएं होती ही कागजों में लिखने के लिए है। योजनाओं और कार्यक्रमों को जमीन पर लागू करने का कांग्रेस का कोई इरादा नहीं होता।” उन्होंने गहलोत का नाम लिए बिना कहा, ”सवाल यह नहीं है कि कौन सा वाला पढ़ा, सवाल यह है कि पहले वाला जब पढ़ा था। साल भर उसको डिब्बे में बंद रखा था, इसके कारण यह हुआ है।

राजस्थान को अब क्या चाहिए?
पीएम मोदी ने कहा, अब राजस्थान को अस्थिर सरकार से मुक्ति चाहिए। अनिश्चितता से मुक्ति चाहिए। अब राजस्थान को स्थिर और विकास वाली सरकार चाहिए तभी राजस्थान में कानून का राज स्थापित हो पायेगा, तभी राजस्थान तेज विकास के रास्ते पर चल पायेगा।”

डबल इंजन के लिए पीएम मोदी को दिखा उत्साह
मोदी ने कहा, ”आज मैं राजस्थान में डबल इंजन सरकार के लिये उत्साह देख रहा हूं। चारों तरफ वो ही मुझे नजर आ रहा है। यहां दौसा में भी यह उत्साह साफ साफ दिख रहा है।” उन्होंने कहा, ”अगर बीते पांच साल में राजस्थान में डबल इंजन की पावर लगी होती तो यहां का विकास कितना तेज हो जाता। कांग्रेस जिस तरह चीजों को अटकाने, फटकाने व लटकाने की राजनीति करती है उसमें विकास के कार्य कांग्रेस नेताओं द्वारा अधिकतर पटक ही दिए जाते हैं। न ये लोग खुद काम करते हैं, न ही काम करने देते हैं।”

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