जयपुर, (वेब वार्ता)। राजस्थान विधानसभा के 81 विधायकों के त्याग पत्र संबंधित प्रकरण में विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय से पूर्व प्री मैच्योर स्टेज पर भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेन्द्र राठौड़ द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका को लेकर निर्दलीय विधायक संयम लोढा ने राजस्थान विधानसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियम 157 के अंतर्गत राजस्थान विधानसभा के सचिव महावीर शर्मा के समक्ष विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। लोढा ने इसे 23 जनवरी से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान 24 जनवरी को सदन में उठाने की अनुमति मांगी है।
अनुच्छेद 190 (3) (ख) के प्रावधान का उल्लेख किया
विधायक लोढा ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव में भारत के संविधान के अनुच्छेद 190 (3) (ख) के प्रावधान का उल्लेख किया है जो कि त्याग पत्र से संबंधित है। इसी तरह प्रस्ताव में राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम 173 (2) का भी प्रस्ताव में उल्लेख किया है जो कि सदस्यों के त्याग पत्र से संबंधित है।
प्रस्ताव उठाने की अनुमति मांगी
लोढा ने प्रस्ताव में कहां कि सदस्यों के त्याग पत्र का मामला विचाराधीन था और विधानसभा अध्यक्ष ने इस प्रकरण में अपना कोई निर्णय नही दिया था। उससे पूर्व ही 1 दिसम्बर 2022 को जनहित याचिका हाइकोट में प्रस्तुत करने से न केवल विधानसभा अध्यक्ष की अवमानना की गई है बल्कि राजस्थान विधानसभा के विशेष अधिकारों का भी हनन किया गया है। लोढा ने इस प्रस्ताव के जरिये 24 जनवरी को राजस्थान विधानसभा में विशेष अधिकार हनन का प्रस्ताव उठाने की अनुमति मांगी है। बता दें निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा सीएम गहलोत के सलाहकार भी है।