जयपुर, (वेब वार्ता)। बीते दिनों राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्य के कद्दावर नेता सचिन पायलट को कांग्रेस कार्यसमिति में जगह दी थी। इसके बाद माना जा रहा है कि सचिन पायलट को राज्य की राजनीति से लाकर केंद्र की राजनीति में भूमिका दी जाएगी। ये सब अशोक गहलोत से लगातार चल रही खींचतान के बाद हुआ है। साल के आखिर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों को लेकर अब एक सवाल और सामने आ रहा है कि आखिर सचिन पायलट की भूमिका राज्य के चुनावों में क्या होगी? इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आलाकमान जो भी भूमिका हमारे लिए तय करेगा, हम उसको फॉलो करेंगे।
साल के आखिर में होने वाले विदानसभा चुनावों को लेकर राज्य का राजनीतिक पारा बढ़ गया है। राज्य की प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इन सब के बीच राज्य में पायलट और गहलोत की प्रतिद्वंदिता भी चल रही थी। हालांकि, इसपर फिलहाल विराम लगा हुआ है। दोनों का एक-दूसरे के लिए दिया जाने वाले कड़वाहट भरे बयान भी आने बंद हो गए हैं। ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि आखिर राज्य के विधानसभा चुनावों में आलाकमान सचिन पायलट को किस भूमिका में रखता है।
छत्तीसगढ़ में ईडी के छापों पर भी बोले गहलोत
छत्तीसगढ़ में लगातार जारी ईडी के छापों पर सवाल पूछे जाने पर सीएम गहलोत ने कहा कि ये ऐसे मुद्दे बन गए हैं जो एनडीए को ले डूबेंगे। इस दौरान गहलोत ने एनडीए पर न्यायपालिका को दबाव में रखने और संविधान की धज्जियां उड़ाने का भी आरोप लगाया। गहलोत ने कहा कि ईडी और सीबीआई ने आतंक मचा रखा है। जहां चुनाव होता है, वहां ईडी पहुंच जाती है। ईडी तका छापा पड़ रहा है तो समझ जाइये कि वहां चुनाव होने वाला है।
INDIA और NDA का मुकाबला कैसा
गहलोत से इस दौरान एक सवाल पूछा गया कि क्या विपक्षी पार्टियों द्वारा बनाया गया गठबंध INDIA, पीएम मोदी का मुकाबला कर पाएगा? इसका जवाब देते हुए गहलोत ने कहा कि विपक्षी पार्टियों ने मिलकर गठबंधन बनाया है तो कुछ सोच-समझकर ही बनाया होगा। इस दौरान गहलोत ने कहा कि भले ही देश की जनता कम पढ़ी-लिखी हो लेकिन उसके पास कॉमन सेंस एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी है। इस दौरान उन्होंने 1977 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार का जिक्र भी किया।