जयपुर, (वेब वार्ता)। राजस्थान में आरएएस प्री परीक्ष जारी है। लेकिन कई सेंटरों पर अभ्यर्थियों को एंट्री नहीं मिल पाई। रोते रहे। आग्रह करते रहे। लेकिन चेकिंग में बेहद सख्ती दिखाई दी। बता दें RPSC की ओर से RAS-2023 प्रारंभिक परीक्षा रविवार को 46 जिलों में आयोजित हुई। केन्द्रों पर कैंडिडेट्स सुबह नौ बजे से पहुंचना शुरू हो गए थे। हालांकि, 10 बजे बाद एंट्री बंद कर दी गई। सेंटरों के मेन गेट बंद कर दिए गए। सेंटरों पर लेट पहुंचने वाले अभ्यर्थी एंट्री की गुहार लगाते रहे। परीक्षा के लिए प्रदेश भर में 5158 परीक्षा केंद्र बनाए गए है। परीक्षा के लिए 6 लाख 97 हजार 51 अभ्यर्थी पंजीकृत है। सुबह 11 बजे से 2 बजे तक परीक्षा हुई।
अभ्यर्थियों को नहीं मिली एंट्री
आयोग के नियमों के चलते कई अभ्यर्थियों को एंट्री नहीं दी गई। कई सेंटरों पर पुलिस ने लेट आए अभ्यर्थियों को धक्के देकर बाहर निकाल दिया। वहीं कई कैंडिडेट्स ने हंगामा किया तो पुलिस ने समझाइश की। इस दौरान जो भी अभ्यर्थी अंदर आ गए थे उनकी चेकिंग जारी रही। बाहर रह गए कैंडिडेट्स को अंदर आने की अनुमति नहीं दी गई। सेंटरों के बाहर पुलिस तैनात है और परीक्षा 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक होगी। आरपीएससी सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि सभी जगहों पर परीक्षा शांतिपूर्ण चल रही है। किसी जगह से कोई व्यवधान की सूचना नहीं है। परीक्षा को लेकर सभी जिलों के सेन्टरों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है।
ड्रेस कोड बेहद सख्त
आरएएस प्री. परीक्षा में सुरक्षा एवं गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने इंतजाम किए हैं। प्रत्येक केन्द्र पर पुलिसकर्मी तैनात किए। कड़ी जांच के बाद ही अभ्यर्थियों को केन्द्र में प्रवेश दिया गया। प्रत्येक केंद्र पर दो वीडियोग्राफर कैमरा रिकॉर्डिंग की। पुलिस की मोबाइल पार्टियां भी गश्त करती रही।पुरुष अभ्यर्थी आधी आस्तीन की शर्ट-टी शर्ट, कुर्ता, पेंट, पायजामा, हवाई चप्पल या स्लीपर पहने की व्यवस्था रही।वहीं महिला अभ्यर्थी सलवार सूट या साड़ी, आधी आस्तीन का कुर्ता या ब्लाउज व चप्पल पहनकर एवं बालों में साधारण रबर बैण्ड लगाकर आने की अनुमति थी।
किसी भी प्रकार की ज्वैलरी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व अन्य कोई वस्तु लेकर केन्द्र में प्रवेश नहीं करने दिया गया। परीक्षार्थी को प्रवेश पत्र व मूल फोटोयुक्त पहचान पत्र, पैन आदि लाने की अनुमति दी गई। बता दें नकल को रोकने के लिए राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2022 के प्रावधान लागू होंगे। इसके तहत परीक्षा के संचालन में किसी भी गतिविधि में अनुचित साधनों का प्रयोग करने पर न्यूनतम 10 वर्ष से आजीवन कारावास तक सजा, 10 लाख से 10 करोड़ रुपए तक का जुर्माने आदि का प्रावधान है।