जयपुर, (वेब वार्ता)। राजस्थान चुनाव से पहले कांग्रेस ने 8 कमेटियां बनाई है। लेकिन इन सबमें सचिन पायलट किसी भी कमेटी का अध्यक्ष नहीं है। मंत्री गोविंद राम मेघवाल को कैंपेन कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि वहीं मेनिफेस्टो कमेटी की जिम्मेदारी सीपी जोशी को दी गई है।
कांग्रेस हाई कमान ने कोर एंड कॉर्डिनेशन कमेटी के साथ-साथ मेनिफेस्टो कमेटी, स्ट्रेटिजिक कमेटी,मीडिया एंड कम्यूनिकेशन कमेटी,पब्लिसिटी एंड पब्लिकेशन कमेटी और प्रॉटोकोल कमेटी का गठन किया है। को-आर्डिनेशन कमेटी का अध्यक्ष सीएम गहलोत बनाए गए है। सियासी जानकारों का कहना है कि इन कमेटियों के गठन से सचिन पायलट का सियासी तौर पर कद घटा है। हालांकि, पायलट के समर्थकों को इन कमेटियों में जगह दी गई है।
इन नेताओं को मिली कमान
आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल को कैंपेन कमेटी, सीएम अशोक गहलोत को कॉर्डिनेशन कमेटी, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को कोर कमेटी, स्पीकर सीपी जोशी को मैनिफेस्टो कमेटी, हरीश चौधरी को स्ट्रेटेजिक कमेटी, ममता भूपेश को मीडिया और कम्युनिकेशन कमेटी, मंत्री मुरारीलाल मीणा को पब्लिसिटी-पब्लिकेशन कमेटी और प्रमोद जैन भाया को प्रोटोकॉल कमेटी का अध्यक्ष बनाया है। सचिन पायलट को किसी कमेटी का अध्यक्ष नहीं बनाया है।
दलित वोट साधने के लिए मेघवाल को बड़ी जिम्मेदारी
हालांकि, इससे पहले सचिन पायलट को एआईसीसी में शामिल कर कांग्रेस आलाकमान ने सम्मान बनाए रखा है। सियासी जानकारों का कहना है कि कद के हिसाब से सचिन पायलट कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष बनाए जा सकते थे, लेकिन यह जिम्मेदारी मंत्री गोविंद राम मेघवाल को दी गई है। ऐसा माना जा रहा है कि दलित वोट बैंक साधने के लिए गोविंद राम मेघवाल को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। माना यह भी जा रहा है कि केंद्रीय मंत्रा अर्जुन मेघवाल को काउंटर करने के लिए बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। बता दें बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री को चुनाव से जुड़ी अहम समिति का अध्यक्ष बनाया था। बीजेपी में अर्जुन मेघवाल का कद बढ़ता जा रहा है।
गहलोत-पायलट समर्थकों को मिली जगह
इन 8 कमेटियों में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के समर्थक माने जाने वाले विधायकों एवं नेताओं को जगह मिली है। लेकिन गहलोत समर्थक माने जाने वाले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को भी जगह मिली है। बता दें मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था। कांग्रेस आलाकमान ने इन्हें नोटिस भी दिया था। हालांकि, दोनों ही नेताओं ने माफी मांग ली थी। लेकिन धारीवाल को जगह मिलने से साफ जाहिर है कि कांग्रेस आलाकमान पुरानी बातें भूलकर आगे बढ़ना चाहता है। इसी तरह सचिन पायलट समर्थक माने जाने वाले मंत्री मुरारी लाल मीना को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।