जयपुर, (वेब वार्ता)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने राजस्थान में चल रही पायलट-गहलोत की अंदरूनी खटपट पर शनिवार को अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि थोड़ी बहुत गुटबाजी तो हर पार्टी में होती है। नेताओं को व्यापक फलक पर देखने के साथ ही सामूहिक लक्ष्यों पर ध्यान देना चाहिए। थरूर ने यहां जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से इतर बातचीत में कहा- क्या भारत में कोई ऐसी अखंड राजनीतिक पार्टी है जहां खटपट न हो? क्या भाजपा के भीतर वैचारिक मतभेद नहीं हैं? एक लोकतंत्र में, दो लोगों के अलग अलग विचार हो सकते हैं, लेकिन यदि आपकी विचारधारा एक है और समान हित के लिए आप लड़ रहे हैं तो पार्टी जो कहती है, वही होता है।
शशि थरूर ने कहा कि वास्तविकता यह है कि हर पार्टी में कुछ छोटे गुट होते हैं, लेकिन बड़ी बात यह है कि हम सभी भाजपा के खिलाफ हैं। बड़े मुद्दों की तुलना में ये बहुत छोटी चीजें हैं। सनद रहे पायलट ने शुक्रवार को गहलोत पर परोक्ष हमला करते हुए कहा था कि बुजुर्गों को युवा पीढ़ी के बारे में सोचना चाहिए और युवाओं को न्याय मिलना चाहिए। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न के इस्तीफे का जिक्र करते हुए पायलट ने कहा था कि अर्डर्न को आठ साल पहले शीर्ष पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने अपनी घटती सार्वजनिक स्वीकृति के कारण पद छोड़ दिया और इसके बजाय अपनी पार्टी के लिए काम करने का फैसला किया।
थरूर ने गहलोत के कोरोना वाले बयान पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने अपने सहयोगियों को अपने शब्दों में सावधानी बरतने की सलाह दी। थरूर ने कहा- जब हम अपने सहयोगियों के बारे में बात करते हैं तो हमें अपने शब्दों को सोच समझ कर इस्तेमाल करना चाहिए। मुझे इस बात का गर्व है कि 14 साल के अपने राजनीतिक जीवन में मैंने कभी किसी के लिए इस प्रकार का कोई शब्द नहीं बोला। हाल ही एक वीडियो सामने आया था जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री कथित तौर पर कह रहे हैं कि महामारी के बाद पार्टी में एक बड़ा कोरोना घुस गया है। माना जा रहा है कि गहलोत ने कथित तौर पर पायलट की तुलना कोरोना वायरस से की थी।
थरूर ने कहा- मेरी अपने सहयोगियों से अपील है कि अपने भाइयों और बहनों के बारे में इस प्रकार की बातें करना ठीक नहीं है। निश्चित रूप से वे अलग तरीके से अपनी बात कह सकते हैं और निजी तौर पर बहुत कुछ कह सकते हैं। थरूर ने भारत जोड़ो यात्रा पर कहा कि इसने राहुल गांधी की छवि को पुन: स्थापित किया है। पूरा पप्पू कारोबार तीन आरोपों पर चल रहा था, पहला कि वह एक दिन धरने की घोषणा करेंगे और अगले दिन विदेश भाग जाएंगे। यहां अब वह पूरी मजबूती के साथ डटे हुए हैं और 160 दिन से लगातार चल रहे हैं। वही सब फालतू की बातें अब आप नहीं कर सकते।
थरूर ने कहा- दूसरा आरोप यह था कि राहुल बहुत घमंडी इंसान हैं। राहुल तक पहुंच पाना मुश्किल है और वह किसी से मिलते जुलते नहीं हैं। सभी किस्म के लोग, सभी वर्गों के लोग अब उन तक पहुंचे हैं। वे उनसे बातें करते हैं, उनका हाथ पकड़ते हैं और उनके साथ चलते हैं। तीसरा आरोप यह था कि वह गंभीर किस्म के राजनीतिज्ञ नहीं हैं। अब देखिए, उन्होंने दर्जनों प्रेस कांफ्रेंस की, प्रधानमंत्री ने कितनी प्रेस कांफ्रेंस कीं? राहुल गांधी के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप हवा में बिखर गए हैं। अब वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो यात्रा के द्वारा पूरी तरह बदल चुका है।