जयपुर, (वेब वार्ता)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा कि यह लोग राहुल गांधी को मीर जाफर कहते हैं। जबकि हकीकत में मीर जाफर की भूमिका तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) ने निभाई थी। इन्होंने अंग्रेजों का साथ देकर देश को धोखा दिया था। गुजरात के सूरत जिला न्यायालय द्वारा राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने जिस तरह का कमेंट किया है। इस तरह के पॉलिटिकल कमेंट तो चलते रहते है। हम तो 40 -50 साल से देख रहे हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी ने तो इस तरह के पॉलिटिकल कमेंट जाने कितने ही किए होंगे, कोई सोच भी नहीं सकता। वो जमाना और था यह जमाना और है, बस इतना ही फर्क है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भरतपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि मोदी सरनेम वाले लोग ही ऐसी हरकत क्यों करते हैं, क्योंकि वो समझते हैं कि मोदी उनका अपना आदमी है और उन्हें बचा लेगा। हमारा कोई क्या बिगाड़ लेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने जो कमेंट किया है. वह एक पॉलीटिकल कमेंट है। उसको लेकर कोर्ट में जाना ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री बोले, हमें जुडिसरी पर पूरा भरोसा है। आने वाले समय में सही फैसला होगा और विपक्ष जो मैसेज देना चाहता है उसमें वो सफल नहीं हो पाएंगे।
सावरकर ने कई बार लिखित में माफी मांगी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संबित पात्रा जैसे लोग कल परसों से राजनीति में बैठने लगे हैं प्रवक्ता के रूप में, लेकिन किस तरह की निम्न स्तर की भाषा का इस्तेमाल करते हैं, घटिया स्तर के कमेंट करते हैं, यह बीजेपी का चेहरा हैं। वह भाजपा मुख्यालय में बैठकर राहुल गांधी को कहते हैं कि वो मीर जाफर है। इतिहास गवाह है कि मीर जाफर ने जो कारनामे किए थे, वो वीर सावरकर और आरएसएस ने किए हैं। आजादी की लड़ाई के समय पंडित जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी जैसे बड़े-बड़े नेता जेल बंद थे। वीर सावरकर भी जेल में बंद रहे.सावरकर ने कई बार लिखित में माफी मांगी। जिस समय सुभाष चंद्र बोस और देश अंग्रेजों से लड़ाई लड़ रहा था, उस समय इन्होंने अंग्रेजों का साथ दिया. अंग्रेजों के पक्ष की सेना में लोगों को भर्ती कराया।
घमंड में हैं मोदी और अमित शाह
सीएम गहलोत ने कहा कि मुझे हंसी आती है कि उन्होंने दिल्ली पुलिस में केस रजिस्टर्ड कर राहुल गांधी के घर पर भेज दिया। गहलोत ने कहा कि यह 75 साल में पहला कोई केस होगा। जब कोई नेता किसी राज्य की जनता की समस्या को मीडिया के माध्यम से कहे, तो उसके खिलाफ केस भी दर्ज कर दिया। पुलिस भी भेज दी, नोटिस दे रहें है, सवाल पूछ रहे हैं. इसकी पूरा देश निंदा कर रहा है. यह बात उनको अभी समझ में नहीं आ रही है. अभी मोदी जी और अमित शाह बहुत घमंड में चल रहे हैं। इनकी पार्टी में भी यह बहस शुरू हो गई है कि ये पार्टी का मजाक क्यों उड़वा रहे हैं। पार्टी के लोगों की मोदी जी के सामने बोलने की हिम्मत नहीं होती है. राजस्थान के 25 सांसद हैं, लेकिन वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जाकर ईआरसीपी की हकीकत नहीं कह सकते. राजस्थान के ही जल शक्ति मंत्री है, लेकिन वो मोदी को ईआरसीपी के बारे में नहीं बोल सकते। एक तरह से इनकी पार्टी में भी तानाशाही रवैया हो गया है, कोई बोल नहीं पा रहा है।