जयपुर, (वेब वार्ता)। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 15 अगस्त के मौके पर मुख्यमंत्री निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना का शुभारंभ किया है। योजना से एक करोड़ लोगों से जुड़े 5 करोड़ लोग लाभांवित होंगे। सीएम अशोक गहलोत बिड़ला ऑडिटोरियम में हो रहे समारोह में इस योजना को लॉन्च किया। सभी जिला-ब्लॉक मुख्यालयों और राशन की 25 हजार दुकानों पर इसकी शुरुआत की गई है। इन समारोहों में पात्र लोगों को फ्री फूड पैकेट बांटे गए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा- लोकतंत्र में सोशल सिक्योरिटी देने और लोगों के भले की स्कीम चलाना सरकारों की ड्यूटी है। हम सोशल सिक्योरिटी की स्कीम्स देकर अहसान नहीं कर रहे, यह ड्यूटी है। गहलोत ने कहा- 1 करोड़ 93 लाख परिवारों में से 1 करोड़ 80 लाख परिवारों ने महंगाई राहत कैंपों में रजिस्ट्रेशन करवाकर गारंटी कार्ड लिए हैं। दूसरे फेज में एक करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जाएंगे। मोदी जी ने उज्जवला योजना शुरू की। पूरे देश में फोटो लगाकर जगह-जगह प्रचार किया। राजस्थान एकमात्र राज्य है, जहां 500 रुपए में सिलेंडर दे रहा है। 650 रुपए सिलेंडर के सब्सिडी दे रहे हैं, इसलिए 500 में सिलेंडर मिल रहा है।
1 करोड़ 4 लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाए
फ्री फूड पैकेट योजना पर राज्य सरकार सालाना करीब 4500 करोड़ रूपए खर्च करेगी। एक करोड़ 10 लाख से ज्यादा लोगों को इस योजना का फायदा मिलेगा। महंगाई राहत कैम्प में अब तक 1 करोड़ 4 लाख 93 हजार से अधिक लोगों ने इस योजना का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। सीएम ने राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित परिवारों को भी फ्री राशन किट योजना से जोड़ने की घोषणा की है। खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित जिन परिवारों को कोरोना में 5500 रुपए मिले थे उन्हें फ्री राशन किट दिए जाएंगे। इन परिवारों की संख्या पांच लाख से ज्यादा है। कोरोना के वक्त खाद्य सुरक्षा से वंचित गरीब और जरूरतमंद परिवारों का सर्वे करवाया था। उस सर्वे में शामिल परिवारों को भी फ्री राशन किट दिए जाएंगे। अब तक खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लोग ही इस योजना का फायदा उठा सकते थे लेकिन आज से सीएम की घोषणा के बाद इसका दायरा बढ़ा दिया है।
गहलोत बोले- हमारी योजनाओं को रेवड़ियां बता रहे
गहलोत ने कहा कि हमारे फैसले जनहित के हैं। कोई रेवड़ियां नहीं हैं। बीजेपी वाले खुद अपनी सरकारों में रेवड़ियां बांटते हैं और हमारी जनहित की स्कीम्स को रेवड़ियां बताते हैं। पिछली बीजेपी सरकार के समय जयपुर में प्रधानमंत्री की सभा करके उसे लाभार्थी सम्मेलन नाम दिया, लोगों को गाड़ियों से लाया गया, सरकार ने होटलों में खाने की व्यवस्था की थी। उनके समय में वो लाभार्थी थे, रेवड़ियां नहीं थी और हमारी योजनाओं को रेवड़ियां कहते हैं।