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Thursday, November 30, 2023

जातीय जनगणना और अगला CM हमारा… राजस्थान में जाटों की मांग BJP-कांग्रेस के लिए बन न जाए आफत!

जयपुर, (वेब वार्ता)। राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। सूबे में सियासी हलचल बढ़ गई है। चुनाव से पहले रविवार को राजधानी जयपुर में ‘जाट महाकुंभ’ आयोजित किया गया। इस महाकुंभ में सभी दलों के जाट नेता शामिल हुए। महाकुंभ में जाट समुदाय को बेहतर राजनीतिक प्रतिनिधित्व, जातीय जनगणना, ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ाने और प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री जाट को बनाने की मांग की गई।

जातीय जनगणना की उठी मांग
‘जाट महाकुंभ’ में राजस्थान जाट महासभा के प्रमुख राजा राम मील ने राज्य में जातीय आधार पर जनगणना की मांग करते हुए कहा, ”राजनीति में जाट समाज के नेताओं की भागीदारी बढ़ाई जानी चाहिए। केंद्र में दो मंत्री हैं लेकिन दोनों राज्य मंत्री हैं। सरकार गलत तरीके से हमारी ताकत का आकलन कर रही है।”

राजा राम मील ने दावा किया, ”राजस्थान में जाट समुदाय की आबादी 22 प्रतिशत और ओबीसी आबादी 55 प्रतिशत है। ऐसे में ओबीसी आरक्षण को राजस्थान में 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया जाना चाहिए।” जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित ‘जाट महाकुंभ’ में किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों को केन्द्र सरकार द्वारा 10 साल से अधिक पुराने ट्रैक्टरों पर प्रतिबंध लगाने की नीति के विरोध में अगले आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।

राकेश टिकैत ने कहा, ”किसान तैयार रहें। एक आंदोलन देश में फिर करना पड़ेगा और उसके लिए भी तैयारी रहना क्योंकि किसानों का दस साल पुराना ट्रैक्टर बंद होगा।” उन्होंने कहा, ”राजस्थान में समाज के लोग ही उस मोर्चे को संभालने का काम करेंगे.. और वो मोर्चा किसानों का भी होगा और समाज का भी होगा। सरकार कोई भी हो.. चाहे वो राज्य की सरकार हो या केंद्र की सरकार हो हम किसी पार्टी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अगर सरकारों की नीतियां गलत होंगी तो फिर आंदोलन होगा।”

कांग्रेस-भाजपा के नेता शामिल
जाट महाकुंभ में कांग्रेस और भाजपा के जाट नेताओं ने भी हिस्सा लिया। आयोजन में केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, भाजपा सांसद सुमेधानंद, दुष्यंत सिंह, राजस्थान मंत्रिपरिषद के मंत्रियों, भाजपा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सहित किसान नेताओं और पड़ोसी राज्यों से आए जाट नेताओं ने महाकुंभ में मंच साझा किया। राजस्थान विधानसभा के विपक्ष के पूर्व नेता रामेश्वर डूडी ने कहा, ”राज्य का अगला मुख्यमंत्री किसान का बेटा, जाट का बेटा होना चाहिए।”

‘जाट का बेटा हो अगल सीएम’
डूडी ने कहा, ”समुदाय हमेशा नंबर एक सीट के बारे में सोचता है। नंबर एक सीट कौन सी है? नंबर एक सीट मुख्यमंत्री की है। राजनीति में लोग इसे बोलने से डरते हैं, लेकिन रामेश्वर डूडी डरता नहीं है। आज मैं मांग करता हूं कि राजस्थान के आने वाले मुख्यमंत्री एक किसान का बेटा, एक जाट का बेटा होना चाहिए।”

महाकुंभ को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, ”आज जब अगर कोई देखता कि किसी देश की सीमा पर अगर रक्षा करने के लिए कोई खडा है तो वहां पर भी हमारा जाट दिखाई देता है। अगर कोई खेल के मैदान में स्वर्ण पदक लेकर आता है तो उसमें में भी जाट के और किसान के बेटे का नाम आता है।” इस अवसर पर राजस्थान के मंत्री विश्वेन्द्र सिंह, हेमाराम चौधरी, लालचंद कटारिया, कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी, कृष्णा पूनिया, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह, सहित किसान और जाट नेता उपस्थित थे।

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