जयपुर, (वेब वार्ता)। राजस्थान में चुनाव से पहले राजस्व मंत्री रामलाल जाट की मुसीबतें बढ़ गई है। हाईकोर्ट के निर्देश पर रामलाल जाट और उनके चार करीबी रिश्तेदारों के खिलाफ भीलवाड़ा जिले के करेड़ा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले में सीआईडी सीबी अब आगे की जांच करेगी। आसींद के पुलिस उपाधीक्षक योगेश शर्मा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अदालत के आदेश पर मंत्री जाट के साथ ही करेड़ा थाना इलाके के ज्ञानगढ़ निवासी पूरणमल गुर्जर, शंभूगढ़ थाना अंतर्गत अंटाली गांव निवासी महिपाल सिंह, सूरज जाट और महावीर प्रसाद चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिसकी जांच सीआईडी सीबी करने वाली है।
जानिए क्या है आरोप
राजस्व मंत्री रामलाल जाट और उनके करीबियों पर डरा धमका कर बिना कीमत दिए ग्रेनाइट की खदान हड़पने और खदान से मशीन चुराने के आरोप लगे हैं। राजसमंद जिले के झीलवाड़ा हाल में मुंबई निवासी परमेश्वर जोशी ने आरोप लगाया कि मंत्री और उनके करीबियों ने उनकी खदान पर अवैध खनन कर पार्टनरशिप का दबाव बनाया। परिवादी ने साल 2014 में ग्रेनाइट की खान लीज पर ली थी। परिवादी का कहना है कि मंत्री जाट के करीबियों ने इस दौरान खदान पर अवैध रूप से खनन करना भी शुरू कर दिया। जब उन्हें ऐसा करने से रोकने की कोशिश की तो उन लोगों ने राजस्व मंत्री का नाम लेकर उसे डराया धमकाया। जिसकी लिखित शिकायत साल 2022 में पुलिस महानिदेशक, अजमेर रेंज के आईजी और भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक को दी थी।
कोर्ट के दखल से दर्ज हुआ मामला
राजस्व मंत्री रामलाल जाट और उनके करीबियों पर शिकायत के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं होने पर परिवादी ने पहले अदालत में गुहार लगाई। उसके बाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिसमें मंत्री पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश का आग्रह किया गया। हाई कोर्ट ने 1 अगस्त 2023 को अधीनस्थ अदालत को निर्देश दिया कि संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज किया जाए। मंत्री रामलाल जाट के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर भीलवाड़ा जिले के करेड़ा थाना क्षेत्र में मंत्री समेत उनके करीबियों के खिलाफ धारा 406, 420, 384, 379, 120 बी में मामला दर्ज हुआ है। परिवादी के आरोप के आधार पर राजस्व मंत्री रामलाल जाट, सूरज जाट, महिपाल सिंह, महावीर प्रसाद चौधरी, पूरणलाल गुर्जर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। रामलाल जाट के खिलाफ राजस्व मंत्री होने के कारण इस मामले की जांच सीआईडी सीबी को सौंपी जाएगी। पुलिस की ओर से सीआईडी सीबी मुख्यालय जयपुर में जांच के लिए भेजा जाएगा।