जयपुर, (वेब वार्ता)। राजस्थान में छत्तीसगढ़ जैसा प्रयोग सफल हो जाएगा। इसको लेकर संशय है। इतिहास खुद बता रहा है कि सीएम अशोक गहलोत सचिन पायलटको अपनाने के लिए तैयार नहीं है। हालांकि, दिल्ली में खड़गे संग हुई मीटिंग के बाद दोनों नेताओं के बीच सुलह का दांवा किया जा रहा है। सियासी जानकारों का कहना है कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद चाहते हैं। जबकि सीएम गहलोत कह चुके हैं कि पायलट के पास 10 विधायक भी नहीं है। जानकारों का कहना है कि सीएम गहलोत आसानी से सचिन पायलट के लिए मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ने वाले हैं। सीएम गहलोत पायलट की राह रोकने के लिए सीपी जोशी या अन्य वरिष्ठ नेता का नाम आगे कर सकते हैं।
उत्साहित है सचिन पायलट समर्थक
राजस्थान की राजनीति में सचिन पायलट समर्थक इन दिनों बेहद सधी हुई रणनीति के तहत बयाने दे रहे हैं। पायलट समर्थक माने जाने वाले विधायक इंद्राज गुर्जर के ट्वीट से हलचलें तेज है। पायलट के समर्थकों में उत्साह देखने को मिल रहा है। सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले विधायक इंद्राज गुर्जर ने ट्वीट किया था कि “गुड न्यूज जल्द आने वाला है। कृपया धैर्य बनाए रखे दोस्तों.” हालांकि कुछ ही समय बाद गुर्जर ने ट्वीट को हटा लिया था। इसी प्रकार पायलट समर्धक विधायक वेदप्रकाश सोलंकी के सुर भी बदले हुए है। सोलंकी अब सरकार रिपीट होने के लिए मिलजुकर काम करने के बात कह रहे हैं। कुछ दिनों पहले सोलंकी ने कांग्रेस आलाकमान से सुलह के फार्मूले को साफ करने बयान दिया था।
राजस्थान में इस बात की चर्चा
दरअसल, राजस्थान की राजनीति में इस बात की चर्चा है कि जिस तरह से छत्तीसगढ में टीएस सिंह देव को उपमुख्यमंत्री बनाकर उनकी नाराजगी को दूर किया गय। ठीक उसी तरह सचिन पायलट को एक बार फिर से डिप्टी सीएम राजस्थान में बनाया जा सकता है। बता दें टीएस सिंह देव को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद सचिन पायलट ने ट्वीट कर उन्हें बधाई भी दी थी। उन्होंने लिखा था कि टी. एस. सिंह देव जी को छत्तीसगढ़ का उप मुख्यमंत्री बनाए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।