सचिन पायलट ने सवाल उठाया कि विपक्ष में रहते हुए हमने वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ जमीन घोटाला, शराब घोटाला के आरोप लगाए, लेकिन मौजूदा सरकार का कार्यकाल पूरा होने को है, लेकिन उन आरोपों की जांच नहीं कराई गई, यह बात समझ से परे है। छह महीने में चुनाव है, तो हम जनता को क्या जवाब देंगे।सचिन पायलट ने एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर आगे कहा कि आप जब कांग्रेस के चुने हुए विधायकों को बदनाम करें और बीजेपी नेताओं का गुणगान करें तो क्या समझना चाहिए। 25 दिसंबर को सोनिया गांधी के आदेशों का जयपुर में अपमान हुआ, विद्रोह हुआ। कांग्रेस पार्टी को सरासर बेइज्जत हुई। पायलट ने पूरी बातचीत में अशोक गहलोत का नाम लेने से साफ मना कर दिया।
सचिन पायलट ने साफ तौर से कहा कि कांग्रेस करप्शन के खिलाफ है, इसलिए मैं वही काम कर रहा हूं। अशोक गहलोत की ओर से सचिन पायलट की डिमांड पर कार्रवाई के सवाल पर कहा कि वह तो पहले भी उनके साथ काम करते रहे हैं, इसलिए काम करते रहेंगे। अशोक गहलोत के नेतृत्व में चुनाव में जाने के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि यह पार्टी का फैसला होगा। पार्टी का निर्णय पार्टी करेगी, इसलिए इसपर अभी कुछ नहीं कहेंगे।