जयपुर, 12 नवंबर (वेब वार्ता)। राजस्थान विधानसभा चुनाव दिलचस्प मोड़ में पहुंच गया है। कांग्रेस यहां सत्ता वापसी को लेकर ताकत झोंके हुए है तो बीजेपी सत्ता परिवर्तन करने का गुणा भाग कर रही है। ऐसे में इस चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दूरी को लेकर खूब सवाल उठ रहे हैं।
चुनाव प्रचार अभियान में उनकी कोई खास दिलचस्पी देखने को नहीं मिली है। इन सवालों पर कांग्रेस पार्टी के कई आला नेता डिफेंसिव मोड में आ गए हैं। कांग्रेस का कहना है कि दिवाली का त्योहार पास में है और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार चल रहा है। इन राज्यों में प्रचार अभियान थमने के बाद उनके बड़े और प्रमुख नेताओं का अभियान राजस्थान में जोर पकड़ेगा।
दिवाली बाद जोर पकड़ेगा मिशन राजस्थान
पार्टी सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे राजस्थान में करीब 20 सभाओं को संबोधित करेंगे। 16 नवंबर को राहुल गांधी राजधानी जयपुर में रोड शो करेंगे। फिलहाल राहुल गांधी के 4 दिन चुनाव प्रचार का कार्यक्रम बना है। प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे 2-2 दिन प्रचार करने राजस्थान आएंगे। इस हफ्ते मल्लिकार्जुन खरगे ने जोधपुर में सभा को संबोधित किया था और उससे कुछ समय पहले प्रियंका गांधी दौसा और झुंझुनूं में सभाएं कर चुकी हैं।
टिकट बंटवारे से ज्यादा खुश नहीं राहुल गांधी
इस बीच देखा जाए तो एमपी, छत्तीसगढ़, तेलंगाना के मुकाबले कांग्रेस के बड़े नेताओं ने राजस्थान में ज्यादा समय नहीं दिया है। राहुल गांधी की दूरी को लेकर सवाल इसलिए भी उठे क्योंकि सूत्रों के मुताबिक राजस्थान में टिकट बंटवारे से वो नाखुश हैं। राहुल गांधी चाहते थे कि बड़ी संख्या में मौजूदा विधायकों की टिकट काटे जाएं लेकिन सीएम अशोक गहलोत ने ऐसा नहीं होने दिया।
जयपुर में गहलोत के दो बड़े कार्यक्रमों से दूर रहे सचिन पायलट
साल भर पहले भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने राजस्थान के दक्षिण पूर्वी हिस्से में 16 दिन यात्रा की थी। एक रोचक पहलू यह भी है कि पिछले कुछ दिनों में जयपुर में अशोक गहलोत ने चुनावी गारंटियों का ऐलान किया और फिर गारंटी रथ यात्रा शुरू की। सचिन पायलट दोनों ही कार्यक्रम से दूर रहे। ऐसे में देखना है कि बड़े नेताओं के प्रचार के दौरान राजस्थान कांग्रेस कितनी एकजुट नजर आती है।