वेबवार्ता: पंजाब (Punjab News) के पटियाला में एक हिंदू मंदिर (Hindu temple) को मस्जिद में तब्दील करने का दावा करने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो को 8 सितंबर को ट्वीट किया गया था।
एक ट्विटर यूजर ने वीडियो के जरिए आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार को निशाना बनाया है। उसने यह दावा किया है कि आप के नेतृत्व वाली सरकार के आदेश पर मंदिर को मस्जिद में तब्दील कर दिया गया है। उसने दावा किया कि हिंदुओं को बताए बिना एक शिवलिंग को हटा दिया गया और पुलिस ने लोगों और मीडिया को मंदिर परिसर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी।
हालांकि, वास्तविकता इससे अलग है। पटियाला के राजपुरा में स्थानीय लोगों ने 22 अगस्त 2022 को मस्जिद के पास एक शिवलिंग लगाने की कोशिश की, जहां कोई मंदिर नहीं था। वीडियो की जांच से पता चला कि वीडियो के साथ न तो छेड़छाड़ किया गया है और न ही किसी दूसरी जगह का है। वीडियो का स्थान पुराना राजपुरा इलाका है, जो पूजा स्थल से कुछ ही फीट की दूरी पर है।
सोशल मीडिया पर संदीप चौधरी नामकर एक पत्रकार वीडियो शेयर किया। उन्होंने लिखा, “वीडियो का मस्जिद से कोई लेना-देना नहीं है। शिवलिंग को खुली जमीन पर प्रतिष्ठित किया गया था, जो कि नगर परिषद की थी। पुलिस अधिकारियों ने 22 अगस्त को इसे हटाने के लिए कहा था।” दिलचस्प बात यह है कि वीडियो को हटाए जाने के 16 दिन बाद इसे फिर ट्वीट किया गया और अलग एंगल देने की कोशिश की गई।
In Punjab, a Hindu temple has been converted into a mosque. It is all happening with the orders of AAP. They removed the Shivlingam without informing Hindus. People are protesting. Punjab Police is not allowing Hindus and the media to enter into the temple premises. pic.twitter.com/SBexY3PMIQ
— Minni Razdan (@mini_razdan10) September 7, 2022
स्थानीय प्रशासन ने भी स्पष्टीकरण जारी कर लोगों से विवाद से दूर रहने को कहा है। उपायुक्त पटियाला साक्षी साहनी ने कहा, ‘पिछले महीने कुछ शरारती तत्वों ने राजपुरा के गुज्जर वाले मोहल्ला में नगर परिषद की जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की थी। प्रशासनिक कार्रवाई से इस कोशिश को नाकाम कर दिया गया।’
एसएसपी पटियाला दीपक पारीक ने कहा कि कुछ लोग विवाद को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा, “कुछ तत्व इस मामले को धार्मिक रंग देकर और सोशल मीडिया खासकर ट्विटर पर डालकर अनावश्यक अफवाहें फैला रहे हैं, जो निराधार है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है।”
इस वीडियो को इस साल मई में राजपुरा में रिपोर्ट किए गए एक मस्जिद विवाद से जोड़ा जा रहा है। मस्जिद का मुद्दा मई 2022 में सामने आया जब स्थानीय लोगों ने दावा किया कि यह संरचना एक सिख सराय (गुरु की सराय) के ऊपर बनाई गई है। मामले की जांच की जा रही है और जिला प्रशासन ने इन दोनों पक्षों से दस्तावेजी साक्ष्य पेश करने को कहा है।