शून्य से बढ़ना है आगे
गुजरात में बीजेपी की तरफ पार्टी नेताओं को तोड़ने की तैयारी और फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में 35 टिकट बेचे जाने की कथित खुलासे के बाद पार्टी में फिर से नेतृत्व परिवर्तन की मांग बुलंद हो रही है। पार्टी नेताओं की मांग की है कि प्रदेश में जल्द नेतृत्व परिवर्तन के साथ नए प्रभारी की नियुक्ति हो ताकि लोकसभा चुनावों को मजबूती से लड़ा जाए। गुजरात में लोकसभा की कुल 26 सीटें हैं और पार्टी पिछले दो बार से एक भी सीट नहीं जीत पा रही है। 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में जब केंद्र में यूपीए की सरकार बनी थी तो गुजरात में पार्टी ने 12 और 11 सीटें जीती थीं, लेकिन आपणो नरेंद्र, आपणो पीएम (अपना नरेंद्र, अपना पीएम) के नारे से बीजेपी ने 2014 में सभी 26 सीटों पर कब्जा जमा लिया था। पांच साल केंद्र में मोदी सरकार के बाद बीजेपी ने 2019 में भी सभी 26 सीटें जीत ली थीं। ऐसे में पिछले दो चुनावों से कांग्रेस शून्य पर है।
लोकसभा चुनाव | बीजेपी | वोट प्रतिशत | कांग्रेस | वोट प्रतिशत |
2004 | 14 | 47.4 | 12 | 43.9 |
2009 | 15 | 46.5 | 11 | 43.4 |
2014 | 26 | 60.1 | 0 | 33.5 |
2019 | 26 | 60.3 | 0 | 32.6 |
कांग्रेस को संजीवनी की तलाश : कांग्रेस के एक धड़े के नेताओं की मांग है कि हाईकमान में जल्द से जल्द राज्य में नेतृत्व परिर्वतन करे, ताकि नए नेतृत्व की अगुवाई में लोकसभा चुनावों की तैयारियों को शुरू किया जा सके। अगर पार्टी इसमें देर करती है तो फिर वह सत्ताधारी बीजेपी का मुकाबला नहीं कर पाएगी। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन को मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के काफी आधा दर्जन सीनियर नेता दिल्ली पहुंचे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि राहुल गांधी के अमेरिका से लौटते ही प्रदेश में नए अध्यक्ष और नए प्रभारी की नियुक्ति हो सकती है। कांग्रेस नेता और हाल ही में कर्नाटक में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए दीपक बाबरिया, पूर्व नेता विपक्ष परेश धनाणी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाड़िया दिल्ली पहुंचे हैं। इन नेताओं के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने का कार्यक्रम है। ऐसे में गुजरात कांग्रेस के जब कई नेताओं के पार्टी छोड़ने की अटकलें लग रही हैं तब पार्टी नेता नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर दिल्ली पहुंच हैं।