मुंबई: अंधेरी विधानसभा उप चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। इस चुनाव में यूं तो 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं लेकिन असली लड़ाई ऋतुजा लटके और मूरजी पटेल के बीच है। दोनों ही तरफ से नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान शक्ति प्रदर्शन भी किया गया। सोमवार को पर्चा वापस लेने का आखिरी दिन है। फिलहाल दोनों मुख्य प्रतिद्वंदियों में से किसी के भी नामांकन वापस लेने की गुंजाइश नजर नहीं आती है। सभी जानते हैं कि यह लड़ाई ऋतुजा लटके बनाम मुरजी पटेल की है। बावजूद इसके सभी बीजेपी नेता और मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने मुलाकात की है। खुद राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से कल मुलाकात की है।
राज ठाकरे ने इस चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। दरअसल एमएनएस पहले ही अपना स्टैंड क्लियर कर चुकी है कि वो ऐसे किसी उपचुनाव में अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी, जिसमें दिवंगत विधायक या सांसद के परिजन खड़े हों। इन सबके बावजूद आखिर राज ठाकरे को इतनी अहमियत क्यों दी जा रही है। क्या राज ठाकरे इस चुनाव में बाजी पलटने का माद्दा रखते हैं। आइये समझते हैं।
एकनाथ शिंदे से मिले राज ठाकरे
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री के सरकारी निवास स्थान वर्षा बंगले पर जाकर एकनाथ शिंदे से बंद दरवाजे के भीतर मुलाकात की। यह मुलाकात तकरीबन 20 मिनट तक चली। इस मुलाकात के दौरान अंधेरी विधानसभा उपचुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। साथ ही अन्य राजनीतिक विषयों पर भी बातचीत हुई। हालांकि, मुलाकात की ज्यादा बातों पर अभी सस्पेंस है। इस मुलाकात के बाद अंधेरी विधानसभा चुनाव क्षेत्र में सियासी हलचल भी बढ़ चुकी है। इस तरह के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि राज ठाकरे बीजेपी की तरफ से मूरजी पटेल के समर्थन में अंधेरी में प्रचार के लिए जा सकते हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि वो खुले रूप से बीजेपी उम्मीदवार को अपना समर्थन जाहिर कर सकते हैं। इस संभावना के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि आशीष शेलार ने भी राज ठाकरे के दादर स्थित शिवतीर्थ घर पर जाकर मुलाकात की है। कहा जा रहा है कि यह मुलाकात अंधेरी उप चुनाव को लेकर हुई है।
राज ठाकरे समर्थन का कितना असर होगा
अंधेरी पूर्व विधानसभा चुनाव क्षेत्र में सबसे ज्यादा संख्या में मराठी वोटर हैं। जिसके बाद दूसरे नंबर का उत्तर भारतीय मतदाताओं की संख्या है। वहीं, मुस्लिम क्रिश्चियन और अन्य समाज मिलाकर बाकी मतदाता हैं। ऐसे में राज ठाकरे के प्रभाव का इस्तेमाल उद्धव ठाकरे गुट को जाने वाले मराठी वोटो को बांटने के लिए किया जा सकता है। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी ने अपना समर्थन उद्धव ठाकरे गुट की उम्मीदवार ऋतुजा लटके को दिया है। उनके नामांकन में इन पार्टियों के नेता शामिल भी हुए थे।
वहीं दिवंगत रमेश लटके इस जगह से तीन बार पार्षद भी रह चुके थे। ऐसे में इलाके में उनका अपना जनसंपर्क और तगड़ा नेटवर्क रहा है। ऐसे में हालात में राज ठाकरे के समर्थन का इस चुनाव में कोई बहुत ज्यादा असर होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। मूरजी पटेल के पारंपरिक गुजराती वोटों में सेंध लगाना उद्धव ठाकरे गुट के लिए काफी मुश्किल होगा।