अहमदाबाद, (वेब वार्ता)। गुजरात में पाटीदार समुदाय की ताकत किसी से छिपी नहीं है। पाटीदारों में लेउवा पटेल के शक्तिशाली संगठन खोडलधाम ट्रस्ट (Shree Khodaldham Trust (SKT) में गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) की बेटी अनार पटेल (Anar Patel) की एंट्री हुई है। अभी तक गैर सरकारी संस्था के जरिए हैंडीक्राफ्ट को सहेजने में लगी अनार पटेल की राजनीति से पहले समाजनीति में कदम है। गुजरात विधानसभा चुनावों में उनके वडोदरा की मांजलपुर सीट से लड़ने की चर्चा हुई थी, लेकिन वे चुनाव नहीं लड़ी थी। विधानसभा चुनावों के बाद खोडलधाम ट्रस्ट में अनार पटेल (Anar Patel) की एंट्री को गुजरात की राजनीति में बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
खोडलधाम ट्रस्ट राजकोट जिले की जेतपुर तहसील के कागवड स्थित खोडलधाम मंदिर का प्रबंधन संभालता है। इसके अलावा समाजसेवा के क्षेत्र में मजबूती से सक्रिय है। खोडलधाम ट्रस्ट के चेयरमैन नरेश पटेल मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की उपस्थिति में पाटोत्सव के अवसर पर 41 ट्रस्टियों को नवनियुक्त किया गया। इनमें अनार पटेल का नाम शामिल है। इस मौके पर नरेश पटेल ने कहा कि इस ट्रस्ट की स्थापना में गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री तथा उत्तर प्रदेश की वर्तमान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का सहयोग मिलने के लिए आभार व्यक्त किया।
खोडियार माता का मंदिर
खोडलधाम खोडियार माता का मंदिर है जो लेउवा पटेल की कुलदेवी मानी जाती हैं। खोड़धाम ट्रस्ट की ताकत का अंदाजा इस बार से लगाया जा सकता है कि 12 जून, 2021 को सबसे पहले ट्रस्ट के चेयरमैन नरेश पटेल ने गुजरात में पाटीदार मुख्यमंत्री होने की मांग उठाई थी। इसके बाद चौथे महीने में ही बीजेपी ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन कर दिया था। खोडलधाम से पाटीदार समुदाय के अग्रणी जुड़े हुए हैं। यही वजह है कि इस ट्रस्ट का रुतबा काफी अधिक है। अनार पटेल के अलावा ट्रस्ट के नए ट्रस्टियों ने जिन्हें जगह मिली है। उनमें पाटीदार नेता दिनेश बांभणिया, बीजेपी सांसद रमेश धड़ुक के पुत्र नेमिष, राजकोट चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष वी पी वैष्णव का नाम शामिल है। वीपी वैष्ष्णव पाटीदार नहीं है। गैर पाटीदार को भी ट्रस्ट में शामिल करने के पीछे खोडलधाम को एक्सक्लूसिव की बजाए इनक्लूसिव बनाने की कोशिश है।
32 सालों सेवा से जुड़ी है
खोडलधाम का ट्रस्टी नियुक्त किए जाने पर अनार पटेल (Anar Patel) ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि वे गौरव का अनुभव कर रही हैं। इसे लेकर वे जिम्मेदारी भी समझ रही हैं। अनार पटेल पिछले 32 वर्ष से सेवा से जुड़ा कार्य से जुड़ी हैं। वे शिक्षा, कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण जैसे मुद्दों पर काम कर रही हैं। चुनावों से पहले जब अनार पटेल खोडलधाम गई थीं। तो वहां पर नरेश पटेल ने उनका स्वागत किया था।
सोशल इंटरप्रिन्योर की छवि
अनार पटेल (Anar Patel)गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री रहीं आनंदीबेन पटेल की इकलौती बेटी हैं। अनार पटेल की पहचान सोशल इंटरप्रिन्योर के तौर है। वे रियल एस्टेट के कारोबार में सक्रिय हैं, लेकिन महिला सशक्तिकरण के लिए वे काफी वक्त से काम कर रही है। अनार पटेल ग्रामश्री नाम के एनजीओ की मैनेजिंग ट्रस्टी भी हैं। इसके तरह वे क्राफ्ट रूट्स नाम की मुहिम चलाती हैं। जिसके जरिए वे गुजरात की ग्रामीण इलाकों में मौजूद हैंडीक्राफ्ट और दूसरे कलाकारों को मदद पहुंचाती हैं। अनार पटेल ने अपनी संस्था के जरिए इन कलाकारों को एनआईडी और निफ्ट जैसी संस्थाओं से जोड़ती है, ताकि वे आगे बढ़ सकें। अभी तक वे 17000 कलाकारों को क्राफ्ट रूट से जरिए जोड़ चुकी हैं।
अपनी मां और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के साथ अनार पटेल।
निरमा यूनिवर्सिटी की पढ़ाई
अनार पटेल (Anar Patel) ने गुजरात की प्रतिष्टित निरमा यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की है। मां आनंदीबेन की तरह अनार पटेल की भी समाजसेवा में गहरी रुचि है। वर्तमान में अनार पटेल गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की सोशल रिस्पांसिबिलिटी कमिटी की को-चेयरमैन भी हैं। इस सब के अलावा जब अनार पटेल की मां आनंदीबेन पटेल गुजरात राज्य की मुख्यमंत्री थीं, तब अनार पटेल पहली बार सुर्खियों में आई थीं। कांग्रेस ने कथित तौर पर सस्ते में सरकारी जमीन हड़पने के आरोप लगाए थे, हालांकि बाद में अनार पटेल ने सामने आकर कांग्रेस के आरोपों का बेबुनियाद बताया था।