गिरिडीह, 19 फरवरी (राजेश कुमार)। ताजिकिस्तान में फंसे झारखण्ड प्रदेश के 35 प्रवासी मजदूरों में दो मजदूरों की रविवार को वतन वापसी हुई है। वतन वापस होने वाले प्रवासी मजदूरों में धनबाद जिले के तोपचाची निवासी प्रवासी मजदूर दिनेश कुमार महतो और हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ प्रखंड के उच्चाघाना निवासी प्रकाश महतो शामिल हैं।
बता दें कि झारखण्ड के गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले के 35 प्रवासी मजदूर मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान काम करने गये थे। इन मजदूरों को भारत में काम कर रही कम्पनी के एजेंटों ने अच्छे वेतन का वादा करके पिछले साल मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान ले गए थे। कंपनी ने उन्हें वहां बिजली ट्रांसमिशन लाइनें बिछाने के काम में लगाया था। लेकिन काम कराने के बाद कंपनी सिर्फ जिंदा रहने के लिए सिर्फ खाना दे रही थी। उन्हें कोई भी मेहनताना(वेतन) नहीं दिया जा रहा है। इतना ही नहीं उनके नियोक्ता ने उनके पासपोर्ट भी जब्त कर लिए हैं। प्रवासी मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य और देश की सरकार से वतन वापसी हेतु त्राहिमाम सन्देश भेजा।
प्रवासी मजदूरों द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से त्राहिमाम सन्देश भेजने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने इस मामले को मीडिया और अधिकारियों के संज्ञान में दिया। मामले को गम्भीरता से लेते हुए केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इस बावत केंद्र और राज्य सरकार को पत्र लिखा।
वहीं झारखंड सरकार ने भारतीय दूतावास को एक पत्र और ई-मेल के माध्यम से 15 फरवरी को पत्र लिखकर राज्य के प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। साथ ही राज्य के श्रमिकों की वापसी में तेजी लाने का अनुरोध किया था। पत्र मिलने के बाद दूतावास के अधिकारी इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दो मजदूरों को वतन वापस भेजवा दिया है। शेष मजदूरों की भी शीघ्र ही वतन वापसी होने के आसार हैं।