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Tuesday, December 5, 2023

नितिन गडकरी के परिवार से जुड़ी कंपनी ने लॉन्च किए रम और व्हिस्की के ब्रांड

नागपुर: नितिन गडकरी के परिवार से जुड़ी कंपनी मानस एग्रो इंडस्ट्रीज ने रम और व्हिस्की के ब्रांड बाजार में पेश किए हैं। बीते समय पहले इसे केंद्रीय मंत्री के समूह से अलग किया गया था। यह कंपनी अब इथेनॉल बनाने के साथ-साथ शराब भी बना रही है। हालांकि कंपनी का प्रमुख उत्पाद इथेनॉल ही है। नितिन गडकरी के पूर्ति समूह से दो नई संस्थाएं मानस एग्रो और सीआईएएन एग्रो इंडस्ट्रीज बनाई गईं थीं। अब यह दोनों कंपनियां गडकरी के बेटे सारंग और निखिल के जरिए संचालित की जा रही हैं। जिनका कि केंद्रीय मंत्री के कारोबार से कोई लेना-देना नहीं हैं।

गडकरी इथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के प्रबल समर्थक रहे हैं। एग्रोविजन, उनके जरिए प्रायोजित वार्षिक किसान एक्सपो, किसानों को जैव ईंधन जैसे ऊर्जा स्रोतों का प्रदाता बनाने का आदर्श वाक्य था। उमरेड तहसील के बेला में मानस के चीनी कारखाने से उत्पन्न शीरे से इथेनॉल बनाया जाता है। कंपनी की इसी इकाई ने अब कप्तान और होल स्टोन नाम से रम और व्हिस्की के अपने ब्रांड बाजार में पेश किए हैं। जिसे हाल ही में खुदरा दुकानों में लॉन्च किया गया।

मानस की चीनी फैक्ट्री से निकलने वाले शीरे से बनने वाली स्पिरिट का इस्तेमाल आगे शुद्धिकरण के बाद एल्कोहल और एथेनॉल बनाने में किया जाता है। कंपनी के सूत्रों का कहना है कि शराब का उत्पादन अभी शुरुआत है और अभी बाजारों का परीक्षण किया जा रहा है। वर्तमान में कंपनी के लिए इथेनॉल मुख्य आधार उत्पाद बना हुआ है। मानस समूह के निदेशक समय बंसोड़ ने इसको लेकर ज्यादा जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह एक प्रारंभिक चरण में है। उन्होंने कहा कि चूंकि शराब भी स्पिरिट से बनाई जा सकती है, इसलिए कंपनी ने उत्पाद लाइन में विविधता लाई है।

स्पिरिट चीनी कारखाने से उत्पन्न शीरे से बना पहला उत्पाद है। आगे की प्रक्रिया से इथेनॉल का निर्माण होता है। इथेनॉल को पेट्रोल में मिश्रित करने के लिए 99 फीसदी से अधिक शुद्ध होने की आवश्यकता होती है। मानस समूह के निदेशक समय बंसोड़ कहा कि भारतीय निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) बनाने के लिए थोड़ी मात्रा में स्पिरिट पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, ‘वर्तमान में हम सिर्फ पानी का परीक्षण कर रहे हैं । बाद में जैसे-जैसे उत्पाद की मांग बढ़ेगी इसका उत्पादन बढ़ाया जाएगा। महाराष्ट्र में ब्रांड बेचने के अलावा उत्पाद को उत्तरी राज्यों में भी ले जाने की योजना है। बंसोड़ ने कहा कि खासकर सर्दियों के महीनों में उत्तरी राज्यों में रम की वहां अच्छी मांग रहने की उम्मीद है।

बंसोड़ ने कहा कि, ‘कंपनी जानती है कि उसे व्यवसाय में पहले से ही स्थापित कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी। इसके साथ ही कंपनी को बाजार बनाना भी कठिन होगा। जब उपभोक्ताओं की वरीयता बदलने की बात आती है तो स्वाद जैसे कई कारक मायने रखते हैं। उन्होंने कहा कि उत्पादन तभी बढ़ाया जाएगा जब अंततः मांग बढ़ेगी। इथेनॉल सम्मिश्रण को 20 फीसद तक ले जाने के लक्ष्य के साथ आने वाले दिनों में उत्पाद की बड़ी मांग होने की उम्मीद है। 1,500 करोड़ लीटर इथेनॉल की आवश्यकता का अनुमान है। बंसोड़ ने कहा कि इसके विपरीत मानस समूह 2 करोड़ लीटर बनाता है, जिससे इसे बढ़ाने की काफी गुंजाइश है।

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