मुंबई, (वेब वार्ता)। आगामी अप्रैल-मई 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए बीजेपी (BJP) की तैयारी शुरू हो गई है। महाराष्ट्र (Maharashtra) की 48 लोकसभा सीटों में से महायुति के खाते में 45 सीटें लाने का लक्ष्य बना कर अमित शाह (Amit Shah) के निर्देश पर पार्टी अपना अभियान चला रही है।
बीजेपी के लोकसभा मिशन 45 में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) की सभी 6 लोकसभा सीटें भी शामिल हैं। वैसे 2014 और 2019 की मोदी लहर में मुंबई की सभी 6 सीटें बीजेपी-शिवसेना युति के पक्ष में गईं थी। इस बार राजनीतिक समीकरण बदले हुए हैं। वैसे बीजेपी की कोर कमेटी ने जमीनी स्तर पर पड़ताल कर राज्य में 33 सीटें महायुति को मिलने की संभावना जताई है, जिसमें मुंबई से तीन सीटें शामिल हैं।
एक साल पहले शिवसेना से बगावत कर बीजेपी के सहयोग से राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले एकनाथ शिंदे महायुति का हिस्सा हैं, जबकि मुंबई को अपना परंपरागत गढ़ मानने वाले उद्धव ठाकरे एमबीए के खेमे में हैं। आगामी लोकसभा चुनाव मुंबई में महायुति बनाम एमबीए ही होने वाला है।
मायानगरी पर किसका कब्ज़ा
मायानगरी पर राजनीतिक रूप से कब्जे की लड़ाई दिलचस्प होती रही है। देश की सबसे धनी और समृद्ध मुंबई महानगरपालिका पर पिछले तीन दशक से शिवसेना का कब्ज़ा रहा है। राज्य में सरकार भले ही कांग्रेस-एनसीपी या बीजेपी की रही हो, परंतु बीएमसी पर ठाकरे परिवार का वर्चस्व रहा है। इसी तरह लोकसभा चुनाव में बीजेपी शिवसेना के बीच भी मुंबई की तीन-तीन सीटों का बंटवारा होता रहा। पिछले लोकसभा चुनाव में मुंबई से बीजेपी-शिवसेना के तीन-तीन सांसद चुने गए थे।
उद्धव ठाकरे से बदले की तैयारी
इस बार मुंबई में बीजेपी ने उद्धव से बदले की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने पिछले दो-तीन महीने से ही मुंबई के अलग-अलग इलाकों में महाजनसंपर्क यात्रा शुरू कर एक तरह से अपना प्रचार शुरू कर दिया है। बीजेपी की कोर कमिटी अपनी तरफ से मुंबई की सभी लोकसभा सीटों पर स्थिति का जायजा ले रही है। बदले राजनीतिक समीकरण में शिवसेना के उत्तर-पश्चिम सीट से सांसद गजानन कीर्तिकर और दक्षिण-मध्य से राहुल शेवाले शिंदे गुट में शामिल हैं, जबकि दक्षिण मुंबई से के सांसद अरविंद सावंत उद्धव के साथ हैं।
मुंबई में शिवसेना का ज्यादातर कोर वोटर अभी भी उद्धव ठाकरे के साथ है, ऐसी स्थिति में सीएम शिंदे के लिए कुछ मुश्किलें आ सकती हैं, ऐसी रिपोर्ट भी बीजेपी के कोर ग्रुप ने दी थी। हालांकि अब एनसीपी को भी फोड़ कर अजित पवार महायुति में शामिल हो चुके हैं। इसका भी असर मुंबई सहित राज्य की अन्य लोकसभा सीटों पर पड़ेगा। बीजेपी के नेताओं को लगता है कि एमवीए के बड़े धड़े एनसीपी में फूट का लाभ बीजेपी को लोकसभा चुनाव में होने वाला हैं। बीजेपी लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे को मुंबई में ही पटखनी देना चाहती हैं।
बीजेपी को चुनौती
2019 के लोकसभा चुनाव में यहां एकतरफा जीत हासिल करने वाली एनडीए के लिए चुनाव आसान भी नहीं होगा। चर्चा है कि महायुति में शामिल अजित पवार भी 13 से 15 लोकसभा सीटें मांग सकते हैं। इनमें मुंबई से भी एक सीट की मांग हो सकती है। लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष ने लामबंदी तेज कर दी है। एक-एक सीट पर रणनीति बनाने वाली बीजेपी के लिए महाराष्ट्र बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। यहां राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं। शिंदे गुट के पास 13 सांसद हैं। ऐसे में तीनो दलों के बीच सीटों का बंटवारा भी बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।