अहमदाबाद, (वेब वार्ता)। कानुपर देहात में जघन्य घटना के बाद सवाल खड़ा हो रहा है कि आईएएस और आईपीएस सोशल मीडिया (फेसबुक और ट्विटर) पर अपनी छवि चमकाने के क्रेजी हो गए है। उनका गर्वर्नेंस की तरफ से हट रहा है। ऐसे में गुजरात 1993 बैच के आईपीएस अफसर अनूठा उदाहरण है। अपने महकमें में मोस्ट क्रेडबिल अफसर की धाक रखने वाले सोशल मीडिया पर हैं लेकिन अपने लिए नहीं। वे इन नव माध्यमों का उपयोग आम लोगों और युवाओं को मोटीवेट करने में कर रहे हैं। उनकी टाइमलाइन में मुस्कराती हुई, खुद को चमकाते-दिखाते हुई पोस्ट नहीं मिलेंगी।
गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड (GPSSB)की नई परीक्षा तारीख को लेकर जब अफवाह फैली तो हसमुख पटेल ने एक ट्वीट करके लाखों छात्रों के मन में व्याप्त आशंका को दूर कर दिया। उन्होंने लिखा है कि यह संभावित तारीख है। परीक्षा की तरीख का ऐलान जल्द किया जाएगा। हसमुख पटेल को जब से सरकार ने गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड का चार्ज सौंपा है। वे उसी दिन से अभ्यर्थियों से सीधा संवाद कर रहते हैं। नीचे देखिए कुछ ट्वीट।
पंचायत सेवा चयन बोर्ड 9 अप्रैल को जूनियर क्लर्क की लिखित परीक्षा आयोजित करना चाहता है। जिलों से ब्योरा मांगा गया है कि पर्याप्त परीक्षा केंद्र उपलब्ध हैं या नहीं। विवरण उपलब्ध होने के बाद तारीख की घोषणा की जाएगी।
-हसमुख पटेल, प्रभारी अध्यक्ष, GPSSB
पंचायत चयन बोर्ड में आपके आवेदन पर आगे की कार्रवाई के लिए आवेदन में नाम, पता, फोन नंबर अवश्य होना चाहिए।
हसमुख पटेल का ट्वीट
वस्तु का प्रतिबिंब अच्छा नहीं हो सकता है, छाप सुधारने के लिए स्वयं को सुधारना होगा।
हसमुख पटेल का ट्वीट
सिर्फ काम पर फोकस
गुजरात में पेपर लीक के मुद्दे पर बैकफुट पर आई भूपेन्द्र पटेल सरकार ने पुलिस महकमें के सबसे क्रेडिबल अफसर को जूनियर क्लर्क की भर्ती परीक्षा को आयोजित कराने का बड़ा दायित्व सौंपा है। यह दूसरा मौका है जब सरकार को अपने इस काबिल अफसर याद आई फिर उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले पिछले साल उन्होंने एलआरडी भर्ती परीक्षा को संपन्न कराया था।
गाड़ी तक का दुरुपयोग नहीं
गुजरात पुलिस से नायब पुलिस अधीक्षक (डिप्टी एसपी) के पद से सेवानिवृत्त हुए आर एल संघानी कहते हैं, उनकी ईमानदारी पर किसी को शक नहीं हो सकता। वे ईमानदार अफसर होने के साथ रोल मॉडल हैं। संघानी कहते हैं जब वे आईपीएस बने थे तो उन्होंने सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग नहीं होने दिया। उनकी पत्नी स्कूटर से दफ्तर जाती थीं। इतना ही नहीं जब वे सूरत में रेंज आईजी बने तो उन्होंने शराब माफिया (बुटलेगर) के होश उड़ा दिए थे। उन्होंने शराब तस्करी के नेटवर्क की कमर तोड़ दी थी। उन्होंने दमन तक रेड की थीं।