कृषि मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में बनाई गई सब कमेटी यह रिपोर्ट भी तैयार करेगी कि किस तरह से बीबीएमबी प्रोजेक्ट से रॉयल्टी ली जा सकती है या फिर बिजली के रूप में शेयर को बढ़ाने को लेकर क्या सुझाव हो सकते हैं उस पर विचार करेगी। बीबीएमबी की तरफ से हिमाचल प्रदेश में तीन प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं जिसमें 1478 मेगावॉट का भाखड़ा बांध प्रोजेक्ट, 990 मेगावाट का ब्यास सतलुज प्रोजेक्ट और 396 मेगावाट का पोंग बांध प्रोजेक्ट शामिल है। इन प्रोजेक्ट से हिमाचल से मुफ्त में बिजली जनरेट की जा रही है और हिमाचल को किसी भी तरह की रॉयल्टी प्राप्त नहीं हो रही है। बीबीएमबी की तरफ से संचालित इन प्रोजेक्ट से अगर हिमाचल को रॉयल्टी मिलना शुरू हो जाती है तो इससे प्रदेश को आय का बहुत बड़ा हिस्सा प्राप्त होगा।
यही नहीं पंजाब विद्युत बोर्ड की ओर से इस प्रोजेक्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के लिए 200 करोड़ तक का बजट भेजा गया था। साथ ही पंजाब सरकार ने बीबीएमबी से हिमाचल को पानी देने की एनओसी ना हटाने को लेकर भी केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी थी। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कई बार केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर हिमाचल प्रदेश की इन प्रोजेक्ट में हक को लेकर बात कर चुके हैं। जिसके बाद केंद्र सरकार ने बीबीएमबी से पानी लेने को लेकर एनओसी को हटाकर प्रदेश सरकार को राहत दी है और साथ ही शानन प्रोजेक्ट को तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद हिमाचल को सौंपने की बात भी केंद्र सरकार कर चुकी है। ऐसे में जाहिर सी बात है कि आने वाले समय में पंजाब सरकार और हिमाचल सरकार के बीच तनातनी और बढ़ने वाली है।