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Tuesday, March 21, 2023

जोशीमठ की रक्षा के लिए पुष्‍कर के ब्रह्मा मंदिर में CM धामी ने टेका माथा, जालोर के इस भी पहुंचे

अजमेर, (वेब वार्ता)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रविवार को तीर्थ नगरी पुष्कर पहुंचे। जहां उन्होंने जगतपिता ब्रह्मा से जोशीमठ की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। आयुर्वेदाचार्य बालकष्ण ने भी धामी के साथ ब्रह्माजी की आरती उतारी। पुष्कर में धामी और आचार्य बालकृष्ण का भव्य स्वागत भी किया गया। सीएम धामी जालोर पहुंचे जहां वे भीनमाल के नीलकंठ महादेव मंदिर की प्रतिष्ठा समारोह में भी शामिल हुए।

जोशीमठ की रक्षा के लिए ब्रह्मा मंदिर में की प्रार्थना

उत्‍तराखंड के सीएम पुष्‍कर सिंह धामी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जोशीमठ में आ रही आपदा से सभी को बचाए, इसके लिए जगतपिता ब्रह्माजी से प्रार्थना की गई है। उन्‍होंने 270 परिवारों को सुरक्षित निकालकर होटल, सरकारी कार्यालयों व अन्य स्थानों पर ले जाया गया है। लगभग 8 एजेंसियां सर्वेक्षण भी कर रही है। जिससे कि दीर्घकालीन योजना बनाई जा सके साथ ही सभी का पुनर्वास भी किया जा सके। पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी इसको लेकर गंभीर हैं। वे भी इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

पर्वतीय समाज से मिले सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी यहां उत्तराखंड धर्मशाला पहुंचे। जहां पर उनके पुश्तैनी पुरोहित ने धर्मशाला के मंदिर में पूजा अर्चना करवाई। इसके बाद धामी पर्वतीय समाज के लोगों से भी यहां मिले साथ ही उनकी धर्मशाला में विकास करवाने के लिए भी आश्वस्त किया।

नीलकंठ महादेव मंदिर की प्रतिष्‍ठा समारोह में पहुंचे सीएम धामी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी भीनमाल के नीलकंठ महादेव मंदिर की प्रतिष्ठा समारोह में पहुंचे। यहां श्रद्धालुओं को संबोध‍ित करते हुए उन्होंने कहा कि नीलकंठ महादेव की इस पावन भूमि भीनमाल का उत्तराखंड की सांस्कृतिक राजधानी जिसको योग की भूमि कहा जाता है, उससे भी गहरा सम्बन्ध है, क्योंकि ऋषिकेश में भी नीलकंठ का भव्य प्रांगण है। उन्होंने कहा कि राजस्थान रण बांकुरों की धरती है, इनकी गौरवशाली गाथा का लेखन सही नहीं हुआ, आजादी के बाद जो लिखा जा रहा है, यह पहले हो जाना चाहिए था।

राजस्‍थान आते है तो भावुक हो जाते है सीएम धामी

उत्‍तराखंड के सीएम पुष्‍कर सिंह धामी ने कहा कि उनका की राजस्थान की धरती से गहरा संबंध है, वे जब भी राजस्थान आते है तो भावुक हो जाते है। उन्होंने कहा कि उनके पूर्वजों ने इसी राजस्थान की भूमि पर जन्म लिया था और यहीं से उत्तराखंड गए थे।

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