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Thursday, September 28, 2023

बंगाल पंचायत चुनाव का वो खूनी शनिवार, जिसमें चली गई 16 जानें गईं, जानिए बड़ी बातें

कोलकाता, (वेब वार्ता)। बंगाल में बीते दिन हुए पंचायत चुनाव में 16 लोग मारे गए। हिंसाग्रस्त ग्रामीण इलाकों में हुई यह घटनाएं सात जिलों से सामने आईं हैं। 8 जून को पंचायत चुनाव की तारीख के लिए अधिसूचना जारी की गई थी। बीते महीने 19 मौतों के साथ वोटिंग होने तक कुल 35 लोगों को हिंसक चुनाव में जान गंवानी पड़ी। मारे जाने वाले 16 लोगों में से 13 मौतें मुर्शिदाबाद और मुर्शिदाबाद उत्तर के तीन जिलों कूचबिहार, उत्तरी दिनाजपुर और मालदा से सामने आई है। इनमें से अकेले मुर्शिदाबाद में ही पांच लोगों की जान चली गई। कूचबिहार, उत्तरी दिनाजपुर और मालदा में मारे जाने वाले लोगों की संख्या क्रमशः तीन, चार और एक थी। वहीं दक्षिण बंगाल के तीन जिलों- नादिया, पूर्वी बर्दवान और दक्षिण 24 परगना में एक-एक मौत हुई।

टीएमसी के 9 कार्यकर्ताओं की मौत

मुर्शिदाबाद में शनिवार हुई हिंसा में कई राजनीतिक दलों के 200 लोग घायल हुए। अधिकारियों ने कहा कि घायलों की देखभाल के लिए मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के कैजुअल्टी वार्ड में बिस्तर जोड़ने पड़े। राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी, तृणमूल कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका लगा, जब शनिवार को उसके नौ कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। कांग्रेस ने दावा किया कि मारे गए लोगों में से तीन उसके समर्थक थे। वहीं बीजेपी और सीपीएम के दो-दो कार्यकर्ताओं की जान चली गई।

वोटिंग खत्म होने तक नहीं हो पाई केंद्रीय बलों की तैनाती

नदिया के हातीशाला में तृणमूल और भाजपा समर्थकों के बीच हुई झड़पों में से एक में केंद्रीय बल के जवानों को गोलियां चलानी पड़ीं, जिसमें कोई चोटिल नहीं हुआ। हिंसा के लिए जिम्मेदार कारणों में से अधिकांश बूथों पर केंद्रीय बलों की तैनाती की कमी सामने आई है। दरअसल चुनाव के लिए 822 कंपनियां मांगी गई थी, जिसमें से 144 कंपनियां शनिवार को मतदान समाप्त होने तक बंगाल नहीं पहुंची थीं। बंगाल में केंद्रीय बल के सीनियर्स ने भी तैनाती में समस्याओं के लिए राज्य चुनाव आयोग को दोषी ठहराया।

सुवेंदु अधिकारी ने दिया अवमानना नोटिस

बीजेपी विधायक और विधानसभा प्रतिपक्ष नेता सुवेंदु अधिकारी ने अदालत के आदेशों का पालन करने में विफल रहने के लिए केंद्रीय बल समन्वयक को अवमानना नोटिस दिया। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दिन हुई हिंसा में 16 लोगों की जान जाने के कुछ घंटों बाद, राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने कहा कि जिलों में उग्र भीड़ को नियंत्रित करना जिला प्रशासन का काम है। उन्होंने केंद्रीय बल के वरिष्ठ अधिकारियों पर अनिवार्य कंपनियों को समय पर बंगाल लाने में विफल रहने का भी आरोप लगाया।

राज्य चुनाव आयुक्त ने दी सफाई

राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘अभी इस पर बयान देना अनुचित होगा कि मतदान हिंसक रहा या शांतिपूर्ण रहा। वहीं विपक्ष ने राज्य चुनाव आयुक्त की आलोचना करते हुए कहा कि यह उनके काम में घोर विफलता है। राज्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘हमें बूथ स्तर पर 1,200-1,300 शिकायतें मिलीं और लगभग 600 का समाधान किया गया।’उन्होंने बताया कि शाम 5 बजे तक मतदान प्रतिशत 66.2% था।

क्या बोले बंगाल के राज्यपाल

राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने कहा कि एक भी मौत ‘अवांछनीय’ है। उन्होंने केंद्र को अपनी ग्राउंड रिपोर्ट भेजने का वादा किया। हालाँकि, तृणमूल कांग्रेस को लगा कि “व्यापक हिंसा के आरोप टिक नहीं पाए”। राज्य के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शशि पांजा ने कहा, ”हम एक भी बूथ पर गड़बड़ी का समर्थन नहीं करते। लेकिन तथ्य यह है कि कुल 61,539 में से केवल 60 बूथों पर मतदान में गड़बड़ी हुई। पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कुछ इलाकों में हिंसा भड़काने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया।

बीजेपी नेता ने बताया विकल्प

भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी का मानना है कि वर्तमान परिदृश्य में लोगों के पास दो विकल्प हैं। लोगों को उठकर आगे आते हुए कालीघाट तक मार्च करना चाहिए या फिर संविधान के अनुच्छेद 355 या 356 को लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा अगर प्रशासन तटस्थ नहीं है तो कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने धमकी दी कि वह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य सरकार को ग्रामीण आवास योजना के लिए कितना केंद्रीय धन मिला।

घर से बाहर निकालकर TMC कार्यकर्ता की हत्या

सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि यह अदालत की निगरानी में होने वाला चुनाव है और राज्य सरकार ने अदालत के आदेशों का उल्लंघन किया है। हम अदालत जाएंगे। उत्तर बंगाल के चार जिलों में 13 लोगों की मौत हो गई। मुर्शिदाबाद की पांच में से तीन मौतें वोटिंग शुरू होने से पहले ही हुईं। पिछले महीने कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या के आरोपी तृणमूल कार्यकर्ता सबीरुद्दीन शेख को उसके खारग्राम स्थित घर से बाहर निकालकर उसकी हत्या कर दी गई।

लगातार जारी रहा हत्याओं का दौर

दो अन्य तृणमूल कार्यकर्ताओं, बाबर अली और यासीन शेख की शुक्रवार देर रात घर लौटते वक्त बेलडांगा और रेजीनगर में हत्या कर दी गई। वोटिंग होने के बाद सबसे पहले लालगोला सीपीएम कार्यकर्ता रोशन अली की हत्या कर दी गई, जिसके बाद लियाकत अली मरने वालों में अगले थे, जिन पर नवादा में बम फेंके दिया गया। कूचबिहार में दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक तृणमूल कार्यकर्ता की मौत हो गई। उत्तरी दिनाजपुर में दो तृणमूल कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। इनमें से एक ग्राम पंचायत उम्मीदवार था। वहीं जिले में मारे गए दो अन्य लोग कांग्रेस पार्टी के थे।

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