जानकारी के अनुसार महिसागर जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश के बाद स्कूलों में 14 फरवरी से 17 फरवरी तक मातृ-पितृ पूजन का आयोजन किया गया था। इसी के तहत लूनावाड़ा तहसील के जामपगी प्राथमिक विद्यालय में मातृ पितृ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मातृ पितृ पूजन कार्यक्रम में स्कूली छात्र-छात्राएं व उनके अभिभावक शामिल हुए थे। कार्यक्रम में रेप के दोषी आशाराम की फोटो वाला एक बैनर लगाया गया।बैनर पर लिख पूज्य संत
इस बैनर पर लिखा था कि पूज्य संतश्री आशाराम बापू ने मातृ पितृ पूजन दिवस से प्रेरित होकर सच्चा प्रेम दिवस मनाया। कार्यक्रम में आसाराम की फोटो की आरती की गई और माल्यार्पण भी किया गया। बड़ा सवाल यह है कि स्कूल के शिक्षक दुष्कर्म के आरोपी का महिमामंडन कैसे कर सकती हैं? इस मौके पर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे और उनके अभिभावक भी मौजूद थे। कार्यक्रम में लूनावाड़ा तहसील प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष बिपिन पटेल समेत कई और स्थानीय गणमान्य लोगों की मौजूदगी रही, लेकिन किसी ने भी आसाराम की फोटो और बैनर को लेकर आपत्ति नहीं जताई। कार्यक्रम में खुले तौर पर आसाराम का महिमंडन किया गया।
घटना पर साधी चुप्पी
सरकारी स्कूल में आसाराम के फोटो और आरती के मुद्दे पर स्थानीय जिला प्रशासन ने चुप्पी साधी हुई है। तो वहीं दूसरी तरफ आशाराम की आरती करते हुए फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि महिसागर जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने बच्चों एवं युवाओं को भारतीय संस्कृति की सभ्यता का सम्मान करने के उद्देश्य माता-पिता पूजा दिवस समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया था। इस मुद्दे पर अभी तक जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी की आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।