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Friday, December 1, 2023

Morbi Bridge Collapse: 135 मौतों का जिम्मेदार कौन? जयसुख पटेल समेत 10 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

अहमदाबाद, (वेब वार्ता)। मोरबी ब्रिज गिरने (Morbi Bridge Collapse) में मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। मोरबी कोर्ट में पेश की चार्जशीट में ओरेवा ग्रुप के प्रमुख जयसुख पटेल समेत 10 आरोपियों के नाम है। इनमें जयसुख पटेल को छोड़कर सभी आरोपी जेल में है। जयसुख पटेल की अग्रिम जमानत की अर्जी पर 1 फरवरी को सुनवाई होगी। पुलिस ने 90 दिनों की समय-सीमा से पहले ही इस हादसे की जांच के बाद चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस हादसे में 135 लोगों की मौत हुई थी।

30 अक्टूबर 2022 को मोरबी ब्रिज ढहने की घटना पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में कुल 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है। जिसमें ओरेवा ग्रुप के मालिक जयसुख पटेल नाम शामिल हैं। हादसे के बाद से जयसुख पटेल लापता हैं। करीब तीन माह बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक उसका पता नहीं लगा पाई है। हालांकि पुलिस ने हादसे के चंद घंटों के भीतर ही ड्यूटी पर तैनात चौकीदार, ओरेवा मैनेजर और टिकट खिड़की क्लर्क समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

1262 पन्नों की चार्जशीट
मोरबी पुलिस ने 135 लोगों की जान लेने वाले इस घटना में 1262 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। जिसमें आरोपी के खिलाफ धारा 308, 304, 336, 338 व 114 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस ने पहले ओरेवा के मालिक जयसुख पटेल को आरोपी भी नहीं बनाया था। जब घटना हुई, जब उनसे पूछा गया कि उन्हें कब गिरफ्तार किया जाएगा, तो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां तक कहा कि वह आरोपी नहीं हैं। हालांकि पुलिस ने 22 जनवरी को जयसुख पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। फिलहाल जेल जाने से बचने के लिए अंडरग्राउंड चल रहे जयसुख पटेल ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिस पर अभी कोई फैसला नहीं हो सका है।

हाईकोर्ट में भी चल रही सुनवाई
मोरबी हादसे की गुजरात हाईकोर्ट में सभी सुनवाई चल रही है। इस बड़े हादसे पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। इसमें कोर्ट ने पूछा था कि मोरबी नगर पालिका को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने सवाल किया कि ओरेवा, मोरबी नगर पालिका द्वारा पुल खोले जाने के बाद भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। हाईकोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए ओरेवा ने पहली बार ब्रिज ढहने की घटना में अपनी गलती मानी। औरेवा ग्रुप की तरफ से पीड़ितों को मुआवजा देने की पेशकश की गई थी। हालांकि हाईकोर्ट ओरेवा के इस प्रस्ताव पर कोई भी कानूनी राहत देने से मना कर दिया था।

क्यों टूटा था पुल?
मोरबी के ऐतिहासिक पुल की मरम्मत ओरेवा ग्रुप द्वारा की गई थी। आरोप है कि ओरेवा ग्रुप ने सही से मरम्मत नहीं की और बिना फिटनेस टेस्ट और अनुमति के इस आम लोगों के लिए खोल दिया। जिस दिन हादसा हुआ। उस दिन क्षमता से ज्यादा टिकट बेचे गए। पुल पर भीड़ नियंत्रण की कोई व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में हादसा हुआ। यह भी सामने आया था कि मरम्मत का काम विशेषज्ञों द्वारा नहीं, बल्कि निर्माण कार्य करने वाले स्थानीय लोगों द्वारा किया गया था।

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