नेपाल भागने की तैयारी में थे आरोपी
इस सबंध में अपने कार्यलय में संवाददाता सम्मेलन करते हुए एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि उलीडीह में बैंक डकैती को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी कोलकाता की ओर भागे थे, जहां सभी अलग अलग होकर नेपाल भाग गए थे। मामला शांत होने के बाद सभी दुर्गापूजा में वापस पटना आ गए। छापेमारी के दौरान पहले प्रमोद और धर्मेंद्र को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद पप्पू सिंह उसकी पत्नी निभा और नीरज की गिरफ्तारी हुई। महिला से ही डकैती का सामान बरामद किया गया। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने डकैती की घटना को अंजाम देने के बाद उस पैसे को रियल स्टेट के अलावा अन्य जगह इन्वेस्ट किया जाता था, जिसकी जांच पुलिस कर रही है। फिलहाल सभी को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। उन्होंने बताया कि डकैती कांड में अभी चार सदस्यों की और गिरफ्तारी की जानी है। उन्होंने बताया कि सभी को आरोपियों को उस वक्त गिरफ्तार किया जब वे लोग देश छोड़कर नेपाल जाने की फिराफ में थे। बताया कि इस गिरोह में अब तक 100 से अधिक सदस्य काम करते हैं। गिरोह के पूरे नेटवर्क को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
एसएसपी प्रभात कुमार ने बुधवार को बताया कि गैंग का मास्टरमाइंड राजीव रंजन उर्फ पप्पू है। वह यह गैंग 1995 से संचालित कर रहा था। वह चार साल पहले पटना जेल से भागने का भी आरोपी है। तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। उन्होंने बताया कि 27 सालों से यह गैंग एक ही तरीके से घटना को अंजाम देते आ रहे हैं। यह गैंग राजस्थान, ओड़िशा, बिहार और झारखंड के अलावा कई राज्यों में डकैती की घटना को अंजाम दे चुका है। गैंग अपने साथ एक कंटेनर लेकर चलता है, जिसमें मोडिफिकेशन करते हुए गुप्त बॉक्स बनाया गया है। उसी में हथियार छुपाकर रखा जाता था।
एसएसपी ने बताया कि बेउर जेल में बंद डकैती कांड के एक आरोपी को प्रोडक्शन पर शहर लाया जाएगा। उसके लिए कोर्ट को पुलिस ने अर्जी की है। उससे पूछताछ के बाद और भी अहम सुराग बैंक डकैती से जुड़े होने की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश रहेगी। एसएसपी ने यह भी जानकारी दी कि धनबाद बैंक डकैती करने आए अपराधियों में एक सदस्य इस गैंग का ही था।
ये है मामला
मालूम हो कि अपराधियों ने 18 अगस्त को उलीडीह थाना क्षेत्र के उलीडीह स्थित बैंक ऑफ इंडिया में डकैती की घटना को अंजाम दिया था। डकैतों ने बैंक से 33 लाख 68 हजार 890 रुपए नकद और 41 सील बंद पैकेट में 2324.76 ग्राम सोने के जेवरात पार किए थे। इन जेवरात का मूल्य एक करोड़ 12 लाख 11 हजार 868 रुपए है। अपराधियों ने बैंक डकैती के साथ ही बिष्टुपुर के छगनलाल ज्वेलर्स के कर्मचारी से बिष्टुपुर के एक बैंक के गेट से 14 फरवरी को 32 लाख रुपए की लूट की घटना को भी अंजाम दिया था।