-अवर सचिव राजस्व के निर्देश पर कलेक्टर ने दिए थे कार्रवाई के निर्देश
-वेबवार्ता ग्वालियर ब्यूरो-
भिण्ड। मौ तहसील के गांव सिनौर में पिछले 40 साल से चरनोई की जमीन पर अतिक्रमण कर लाखो की फसल पैदा करने वाले 17 अतिक्रामको पर राजस्व विभाग को की गई शिकायत के आधार पर शिकंजा कसा, एसडीएम कोर्ट ने एक दर्जन से अतिक्रामकों के खिलाफ सिविल जेल के आदेश दिए है। राजस्व बकाया की तरह जुर्माना वसूलने के लिए भी कहा है। अतिक्रामकों में एक शासकीय शिक्षक भी है। इसके खिलाफ कार्रवाई के लिए भी जिला शिक्षा अधिकारी को लिखा जा रहा है। इतना सब होने के बाद अतिक्रमणकारियों ने प्रशासन से साँठ गाँठ कर चोरी छुपे फसल काटली पर तहसीलदार ने अबतक चोरी का केस दर्ज नहीं कराया है। दर असल एसडीएम के आदेश के बावजूद तहसीलदार मौ ने जानबूझकर फसल जप्ती ओर नीलामी की कार्यवाही नहीं की परिणाम फसल चोरी होने के कारण सरकार को करोड़ों के राजस्व की हानि होगई। जिसकी जानकारी शिकायत कर्ता ने वाट्सएप एवं फोन पर तहसीलदार को दी जिसकी रिकार्डिंग मौजूद है।
राजस्व अभिलेखों के अनुसार सिनौर मौजा करीब 290 बीघा चरनोई की जमीन है। इस जमीन पर पिछले 40 सालों से स्थानीय दबंग कब्जा किए हुए थे और हर साल लाखों रूपए की फसल बेचकर मुनाफा कमा रहे थे। गांव में आवारा गायों द्वारा किसानों की फसल को पहुंचाए जा रहे नुकसान को देखते हुए भ्रष्टाचार उन्मूलन संगठन की ओर से एक शिकायत दस्तावेजों के साथ राजस्व विभाग भोपाल में की गई। राजस्व मंत्री के निर्देश पर अवर सचिव में इस संबंध में कलेक्टर भिण्ड को पत्र लिखकर उक्त जमीन अतिक्रमण मुक्त कराने और की गई कार्रवाई से विभागको अवगत कराने के लिए भी कहा। कलेक्टर के आदेशानुसार तहसीलदार मौ ने इस संबंध में हल्का पटवारी सिनौर से रिपोर्ट तलब की। हल्का पटवारी ने 30 जनवरी 2023 को तहसीलदार कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए अतिक्रमण की पुष्टि की।
पटवारी की रिपोर्ट में कहा गया कि गांव में 290 बीघा चरनोई की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा है और समझाने के बाद भी अतिक्रामक जमीन मुक्त करने को तैयार नहीं है। उल्टे लड़ाई झगड़ा करने पर अमादा है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि पिछले साल भी फसल जब्त की गई थी लेकिन इस बार भी उक्त लोगों ने जमीन जोत कर फसल बो ली है। पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर चरनोई की जमीन पर अतिक्रमण की पुष्टि हुई है। तहसीलदार ने मप्र भी राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत प्रकरण दर्ज कर सुनवाई का अवसर देते हुए 7 दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए। मगर इसके बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया।
तहसीलदार मौ ने सभी 17 अतिक्रामकों के खिलाफ सिविल जेल की कार्रवाई करने के लिए प्रकरण एसडीएम गोहद की कोर्ट की ओर भेज दिया। एसडीएम कोर्ट ने सुनवाई करते राजेंद्र और जगदीश का अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए लेकिन सिविल जेल भेजने के आदेश नहीं दिए जबकि माताप्रसाद, राहुल और संतोष ने शपथ पत्र देकर अतिक्रमित भूमि छोड़ने का आवेदन दिया है। जबकि कैलाश, और नेतराम की ओर से जवाब पेश नहीं किए जाने पर सिविल जेल भेजने के आदेश दिए। सहसराम की ओर से पेश किए गए उत्तर को अस्वीकार करते हुए सिविल जेल भेजने का आदेश दिया गया। इसी प्रकार जसरत, प्रकाश, कैलाश, शासकीय छविराम शर्मा, सुनील आदि को सिविल जेल भेजने के साथ वसूली की कार्रवाई किए जाने के भी आदेश दिए है।
40 साल में 50 करोड़ से अधिक की फसल, अमले की मदद से चलता रहा खेल
40 साल के भीतर दबंग अतिक्रमणकारियों ने करीब 50 करोड़ से अधिक की फसल पैदा की और उक्त पैसे का उपयोग किया। जबकि यह राशि यदि जमीन नियमानुसार नीलाम हो ती तो शासन के खाते में जाती। इस प्रकार शासन को करोड़ो का चूना लगाया गया। यदि सीधे राजस्व मंत्रालय को शिकायत न की जाती तो स्थानीय अधिकारी शायद ही इतने सक्रिय होते क्योंकि अतिक्रमण के खिलाफ स्थानीय अधिकारियों को शिकायतें तो पूर्व में भी की गई थी लेकिन एसडीएम गोहद शुभम शर्मा ने अतिक्रामको से सेटिंग जमा ली और लंबे समय तक खेल चलता रहा और आज भी चोरी छुपे भू माफिया फसल काट रहे हैँ। जिले में चरनोई की 24 हजार हैक्टेयर से अधिक जमीन है लेकिन 70 फीसदी से अधिक जमीन पर इसी प्रकार दबंगो का कब्जा है। शिकायतों को राजस्व विभाग के अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते। यदि चरनोई की जमीन अतिक्रमण मुक्त हो जाए तो आवारा पशुओ की समस्या का समाधान हो सकता है। उक्त जमीन की नीलामी से ही इतना पैसा आ सकता है कि जिले भर की गौशालाओं को बजट की कमी नहीं आएगी।
शिकायतकर्ता बोले हाईकोर्ट जाएंगे
शिकायतकर्ता और भ्रष्टाचार उन्मूलन संगठन के बेरोजगार विंग के राष्ट्रीय संयोजक मुकेश शर्मा ने बताया कि अधिकारियों को मय सबूतो के शिकायत होने के बाद भी लचीला रूख अपना रखा है इसलिए फाल चोरी होगई। हमारी मांग है कि सभी को सिविल जेल भेजा जाए और राजस्व नियमों के अनुसार जुर्माने की कार्रवाई की जाए और चोरी का केस देज कराया जाए बर्ना हमें हाईकोर्ट जाने के लिए बिबस हो ना पड़ेगा क्योंकि हम धारा 80सी.पी.सी का नोटिस भेजचुके हैँ।
इनका कहना है
तहसीलदार का पत्र मिला है फसल कटवाने के लिए, अभी तारीख तय नहीन है, जमीन ज्यादा है मैंने अतिरिक्त फोर्स के लिए पुलिस अधीक्षक महोदय को पत्र लिखा है।
-उदयभान सिंह यादव थाना प्रभारी मौ
मेरी जानकारी मे नहीं है फसल अतिक्रमणकारियों ने काटी है या नहीं अगर आपको जयदा बात करनी हो तो एसडीएम साहब से कीजिये।
-राजेंद्र मौर्या तहसीलदार मौ