-इरशान सईद-
भोपाल, 16 अक्टूबर (वेब वार्ता)। भोपाल के थाना बजरिया इलाके में सूदखोर के कहने पर दो पुलिसकर्मियों द्वारा एक युवक को बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है। युवक ने आपबीती बताते हुए कहा कि रविवार रात बजरिया थाने के दो पुलिसकर्मी उसे लेकर थाने पहुंचे। यहां कमरे में बंद कर उसे पट्टे से बुरी तरह पीटा गया। पिटाई के बाद पुलिसकर्मियों ने उसे धमकी दी कि किसी से शिकायत की, तो झूठे केस में फंसाकर जेल भेज देंगे।
जानकारी के मुताबिक संतोषी माता चौराहा, रोशनबाग ऐशबाग निवासी गीतेश साहू (32) भोपाल रेलवे स्टेशन के सामने जैन होटल में जॉब करता है। उसने बताया कि तीन महीने पहले नौकरी छूटने पर उसने रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म-1 की तरफ रहने वाले मनीष अग्रवाल से तीन हजार रुपए उधार लिए थे। इसमें से 800 रुपए वह लौटा चुका है। शनिवार रात करीब आठ बजे वह होटल में बैठा था। इसी बीच, सूदखोर मनीष अग्रवाल बजरिया थाने के कॉन्स्टेबल मनीष ठाकरे के साथ स्कूटी से होटल पहुंचा।
कॉन्स्टेबल ने गीतेश से कहा कि 10 मिनट के लिए थाने चलो। तुम दोनों को आमने-सामने बैठाकर हिसाब-किताब बना देते हैं। कॉन्स्टेबल के भरोसे में आकर गीतेश उनकी गाड़ी में बैठ गया। थाने के बाहर से ही दोनों उसे पीटने लगे। अंदर ले जाकर कॉन्स्टेबल मनीष ठाकरे और जेपी ने उसे एक कमरे में बंद कर लिया। गीतेश का कहना कि दोनों कॉन्स्टेबल ने कमरे के अंदर रखा आटा चक्की का पट्टा निकाला और उसे तब तक पीटा, जब तक वह बेसुध नहीं हो गया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने यह कहते हुए उसे छोड़ा कि वो इस बात की शिकायत किसी से नहीं करेगा। पुलिस की पिटाई से कराहता हुआ गीतेश घर पहुंचा और परिजनों को घटना के बारे में बताया।
गीतेश ने बताया कि तीन महीने पहले मेरी नौकरी छूट गई थी। ऐसे में मैंने दूससंचार कंपनियों के मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव के लिए छतरी बनाने का काम शुरू किया और इसके लिए मनीष अग्रवाल से कर्ज लिया था। तीन दिन पहले हिसाब हुआ था, तब मनीष ने बताया था कि 1200 रुपए ब्याज के हो गए हैं। थाने में पुलिसकर्मी मनीष ने ब्याज और मूल जोड़कर बताया कि 3750 रुपए हुए हैं। पुलिसकर्मी मनीष ने धमकाया कि अगले रोज पैसा दे देना। नहीं तो दोबारा इसी तरह थाने में पिटाई होगी।
गीतेश का कहना कि उसकी आर्थिक स्थित ठीक नहीं है। हाल ही में वह होटल में जॉब करने लगा है। मनीष उसे जब भी मिलता था, पैसे मांगता था। मैंने कभी भी उसे पैसा देने से मना नहीं किया। 800 रुपए ब्याज दे चुका हूं। पूरा पैसा इस महीने का वेतन मिलने पर दे देता, लेकिन उसे भरोसा नहीं हो रहा था। उसने दो कॉन्स्टेबलों से सांठगांठ कर बेरहमी से पिटवाया। पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
एक पुलिसकर्मी निलम्बित, दूसरे को छोड़ा
हवलदार मनीष ठाकरे को जांच के बाद निलम्बित करते हुए उसे लाइन अटैच कर दिया गया है। जांच में सामने आया कि दूसरे पुलिसकर्मी जेपी ने युवक के साथ मारपीट नहीं की थी।