सतना, (वेब वार्ता)। राहुल गांधी आज सतना जिले के दौरे पर हैं। उन्होंने बीटीआई ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार और मोदी पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दो तरीके की सरकार होती है। एक गरीबों के जेब में पैसा डालती है। एक बड़े-बड़े कारोबारियों के जेब में पैसा डालती है। कांग्रेस ने मनरेगा दिया, भोजन का अधिकार दिया। भाजपा ने नोटबंदी, जीएसटी दी। किसानों के खिलाफ काले कानून लाए ये फर्क है।
मध्यप्रदेश की जो नींव थी, उस नींव को भाजपा ने उखाड़कर फेंक दिया है। नींव किसान है, नींव मजदूर है, छोटे दुकानदार हैं, बेरोजगार युवा हैं इन सभी को बीते 15 साल में भाजपा ने खत्म कर दिया है। सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की तारीफ की। राहुल गांधी ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसान को फसल का सही दाम नहीं मिलता, कर्ज लेना पड़ता है। यहां 18 हजार किसानों ने आत्महत्या की है।
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा अडानी को पैसा देती है। अडानी उस पैसे को विदेशों में खर्च करता है। अडानी अमेरिका, दुबई, जापान में जाकर घर खरीदता है। आपका जीएसटी वाला पैसा अडानी जी की जेब में जाता है और बाहर जाकर खर्च हो जाता है। हम पैसा देते हैं तो किसान छोटी दुकान में जाकर सामान खरीदता है। जैसा ही किसान और मजदूर दुकान में जाकर सामान खरीदते हैं अर्थव्यवस्था चालू हो जाती है। मध्यप्रदेश में किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी डरे हुए हैं। ये कहते हैं देश में बस एक ही जात है गरीब। इनके दिमाग से देश की जातियां इसलिए गायब हो गईं, क्योंकि मैंने जाति जनगणना की बात की। जिस दिन मैंने ओबीसी, दलित, आदिवासी की आबादी की बात की, उस दिन से मोदी कहते हैं कि राहुल जी देश में कोई जात नहीं है। जात खत्म हो गई है। राहुल ने कहा कि एमपी में सरकार विधायक नहीं चलाते यहां के अफसर चलाते हैं।
राहुल ने कहा कि बजट के सारे निर्णय 53 अफसर लेते हैं। उन 53 में सिर्फ एक अफसर ओबीसी का है और मोदी जी कहते हैं कि एमपी में ओबीसी सरकार है। आपको झूठ बताया जा रहा है ये कैसी ओबीसी सरकार है। इसलिए मोदी कहते हैं कि देश में सिर्फ गरीब ही जात है। ओबीसी वर्ग की भागीदारी 0.3 फीसदी है। मोदी इस बात को छुपाना चाहते हैं। इसलिए वो किसी भी भाषण में जाति जनगणना की बात नहीं करते। उनका रिमोट अडानी के हाथ में है। एमपी में कांग्रेस की सरकार आते ही सबसे पहले जाति जनगणना हमारा कदम होगा। दिल्ली में सरकार आने पर नेशनल कास्ट सेंसस होगा। जाति जनगणना देश का एक्सरे है। इसके बाद हर आदिवासी, दलित, जनरल और ओबीसी वर्ग को पता चल जाएगा मेरी आबादी कितनी है और मेरी भागीदारी कितनी होनी चाहिए। जब तक जाति जनगणना नहीं होगी। पिछड़ी जातियों को भागीदारी नहीं मिलेगी। ये क्रांतिकारी काम है। इससे देश बदल जाएगा।