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Tuesday, May 30, 2023

शहर मे निजी अस्पतालों की भरमार, अधिकतर नहीं कर रहे मानकों को पूरा

-नगर निगम एव मुख्य चिकत्सा अधिकारी की घोर लापरवाही!

-मुकेश शर्मा-

ग्वालियर, 25 अप्रैल (वेबवार्ता)। कोरोना काल से ग्वालियर शहर और आसपास के कस्बों में निजी अस्पतालों की एकदम बाढ़ सी आ गई है, जिसको देखो वहीं व्यक्ति अस्पताल खोले बैठा है। चाहे उसके पास योग्यता हो या न हो।

शहर में मुरार, गोलाका मंदिर और दीनदयाल नगर क्षेत्र में दर्जनों ऐसे अस्पताल/नर्सिंग होम हैँ जो शासन द्वारा निर्धारित एक भी मानक को पूरा नहीं कर रहे है, इन अस्पतालों द्वारा मरीजों की जान के साथ खुला खिलवाड़ किया जा रहा है। शंकर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, शिवाय मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, सिटी लायफ हॉस्पिटल, श्री हॉस्पिटल, नारायणा हॉस्पिटल, आर डी मैमोरियल हॉस्पिटलस, मोरवी नंदन मल्टी स्पेशलिटी एवं ट्रॉमा सैंटर आदियत्य नर्सिंग होम शताब्दीपुरम (कोई प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है) आदि है इनमें से कई हॉस्पिटल, सात नंबर से गोलाका मंदिर संस्कार हॉस्पिटल एजी ऑफिस पुल के पास सिटी सैंटर आदि सैकड़ो ऐसे अस्पताल हैं जिनमें न तो योग्यता अनुसार ड्यूटी चिकत्सक है और न पंजीयन बाले जी एन एम और बी एस सी नर्सिंग स्टाफ जब भी कोई मरीज इनके यहां भर्ती होता है तो अस्पताल में मौजूद अप्रशिक्षित स्टाफ मरीज को तुरंत ड्रिप लगाता है और मालिक को फोन कर किसी अन्य अस्पताल या सरकारी अस्पताल के चिकत्सक से सम्पर्क करके चिकत्सक को भाड़े पर बुलाया जाता है।जबकि नियमानुसार प्रत्येक अस्पताल में एक एमबीबीएस् चिकत्सक, जी एन एम तथा बी एस सी नर्स की तैनाती 24 घंटे अनिवार्य है।कई अस्पताल तो ऐसे भी हैँ जिनके पास पार्किंग की सुविधा भी नहीं है ओर आवासीय परिसरो मे भी खुले है इसके अलावा मुख्य मार्ग एवं कॉलोनियों में बाहन पार्किंग करने से आयेदिन या तो जाम लगता है या लड़ाई झगड़े होते है मालुम नहीं नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस की स्वीकृति इनको कैसे मिली?और तो और शहर के आशिकांश अस्पतालों में फायर सेफ्टी भी दिखावटी लगी है!देखना यह है कि जान से खिलवाड़ करने वाले ये अस्पताल कभी सरकारी मानकों को पुरा करेंगे या सरकारी करिंदों की जेबें गर्म कर यूंही चलते रहेंगे?

इनका कहना है…

मेरे पास विस्तृत जानकारी नहीं है आपने बताया है तो 8 दिन मे सम्पूर्ण जानकारी लेकर आपको बताता हू।

-मनीष शर्मा, जिला चिकत्सा अधिकारी

हमारे विभाग द्वारा नर्सिंग होम या अस्पतालों को ट्रैफिक की कोई परमिशन नहीं दी जाती है न अभी तक कोई हमारे यहां परमिशन लेनेआया।

-विक्रम कनपुरिया उप पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक, ग्वालियर पूर्व

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