भोपाल। ज्योतिष विचार मंच भोपाल द्वारा रविवार को राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित इस सम्मेलन में मध्य प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र जैसे प्रांतों से आए करीब 140 ज्योतिष विद्वानों ने शिरकत की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर पं. हंसधर झा, अध्यक्ष ज्योतिष विभाग, कार्यक्रम के अध्यक्ष डा. केसी कलानिधि, मंच प्रमुख एमएस श्रीवास्तव, मंच अध्यक्ष पं. भवंर लाल पुरोहित, भो सर्वेश शर्मा ने द्वीप प्रज्जविलत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सम्मेलन के दौरान ज्योतिष विद्वानों ने एस्ट्रोलोजी की विभिन्न विधाओं को लेकर विमर्श किया।
ज्योतिष विचार मंच के प्रमुख संरक्षक एमएस श्रीवास्तव ने चिकित्सा ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं पर महत्व डालते हुए बताया कि बीमारियों का निदान ज्योतिष के माध्यम से बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ है।
मंच के प्रमुख केसी कलानिधि ने कहा कि बड़े हर्ष का विषय है कि हम अपने ज्ञान को बढ़ा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र में ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है, जो लूट करते हैं। कालसर्प योग को सुना जाता रहा है। कालसर्प योग आंशिक नहीं होता। या है या नहीं है। लोगों की ज्योतिष के प्रति धारणा बढ़ रही है। जनसंख्या बढ़ रही है। पहले जन्म पत्री नहीं बनती थी। अब बहुत बनने लगी हैं। हमारे जीवन मे ज्योतिष का प्रभाव है। वहीं न्यूसी समैया ने ज्योतिष में विभिन्न नवांशों के प्रकार पर सारगर्भित व्याखान दिया। राजेश सोनी ने ज्योतिष में रत्नों के महत्व पर आपने विचार व्यक्त किए। श्वेता विजयवर्गीय द्वारा मानव जीवन में अंकों के महत्व के विषय में विस्तार से जानकारी दी। पं सुदर्शन लव पांडेय द्वारा पौराणिक ग्रंथों के आधार पर ज्योतिष का विश्लेषण किया। अनेक विद्वानों ने ज्योतिष द्वारा व्यक्तियों की समस्यायों के निदान के विषय में अपने विचार व्यक्त किए।
गौरतलब है कि ज्योतिष विचार मंच, भोपाल विगत 22 वर्षों से ज्योतिष के प्रति फैली भ्रम, र्भ्रांतियों को दूर कर, ज्योतिष के वैज्ञानिक प्रचार प्रसार, शिक्षण तथा जन सेवा का कार्य कर रहा है। मंच से जुड़े किशोर मेहता द्वारा अतिथियों का आभार प्रदर्शन किया गया।