भोपाल, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के 100वें एपिसोड का आज प्रसारण किया गया। इसको लेकर मप्र में पहले से तैयारियां की गई थीं। प्रदेश भर में 89 हजार स्थानों पर मन की बात कार्यक्रम सुना गया। मप्र भाजपा ने 25 हजार स्थानों पर बडे़ कार्यक्रम किए, वहीं 64 हजार बूथों पर भी इसका आयोजन किया गया।
बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं, केन्द्रीय मंत्रियों से लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। वहीं राजभवन में प्रतिभाशाली लोगों का राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने सम्मान किया।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन में प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे प्रधानमंत्री हमारे पास अभी हैं, भूतकाल में कोई नहीं था। भविष्य में पता नहीं कोई रहे न रहे, लेकिन अभी वर्तमान में प्रधानमंत्री हैं, सबसे अलग हैं और सालों-साल रहें। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के लोगों का नाम का जब ज़िक्र होता है, उनके लिए खुशी वाली बात होती है। मन की बात कार्यक्रम के साथ लोगो का जुड़ाव है। पीएम के संवाद में वास्तविक जीवन की कहानी दिखती है।
सार्वजनिक जीवन में प्रधानमंत्री जन-जन के नेता बन गए है। मन की बात वास्तव में जनक्रांति है , जो देश के कोने कोने तक पहुंची। मन की बात ने कोरोना के समय में लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाया था।
दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाते हैं-शिवराजसिंह चौहान
कार्यक्रम के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा- आज प्रधानमंत्री जी के मन की बात हजारों बहनों ने सुनी। मन की बात ने सामाजिक क्रांति लाई है। अच्छे काम करने वालों को प्रधानमंत्री जी सामने लाते हैं। जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाते हैं। मुख्यमंत्री लाडली बहना एक सामाजिक क्रांति है। बहनों की जिंदगी में बदलाव लाने का अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा कदम है। एक जमाना था जब कहा यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते, रमंते तत्र देवता। लेकिन समय के साथ स्थितियां बदल गईं। बेटी-बेटा में फर्क होने लगा। बेटी के साथ समाज ने सौतेला व्यवहार किया।
एक ही मां की कोख से बेटा और बेटी पैदा होते हैं लेकिन लोग कहते हैं बेटा बुढापे की लाठी का सहारा है। लेकिन विज्ञान ने प्रगति की तो पता चलने लगा कि पेट में बेटा है या बेटी। अगर कोख में बेटी का पता चल गया तो लोगों ने बेटी को कोख में मारने का पाप किया है। बेटे एक हजार पैदा होने लगे तो बेटियां केवल नौ सौ रह गईं। मैं पूछता हूं कि अगर बेटी नहीं बचाओगे तो बहू कहां से लाओगे। ये असंतुलन पैदा हुआ तो कई कुंवारे घूम रहे हैं। ये गंभीर चिंता का विषय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून रविवार 2021 को मन की बात में सतना जिले के जिस किसान की चर्चा की, वे वास्तव में सबसे अलग हैं। सतना के पिथौराबाद में रहने वाले किसान रामलोटन कुशवाहा ने अपने घर में ऐसे-ऐसे दुर्लभ औषधीय पौधे लगा रखे हैं, जिस पर यकीन करना मुश्किल है। उनका घर म्यूजियम की तरह लगता है।
गौरतलब है कि मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मिनट 10 सेकेंड के भाषण में सतना के रामलोटन कुशवाहा के बगीचे के 250 से ज्यादा औषधीय पौधों की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था, देशवासियों को रामलोटन जी से सीख लेकर ऐसे प्रयोग करने चाहिए। इससे आमदनी भी बढ़ेगी और स्वास्थ्य लाभ भी होगा। रामलोटन कुशवाहा और पद्मश्री बाबूलाल दहिया आपस में मित्र हैं, रामलोटन उन्हीं के साथ मिलकर जैव विविधता के संरक्षण पर काम कर रहे हैं।
रामलोटन कुशवाहा ने बताया, उन्होंने पुरातन काल के जंगलों में मिलने वाले औषधीय पेड़ पौधों को अपनी बगिया में संजोकर रखा है। वे देशी प्रजाति की बीजों को भी संरक्षित कर रहे हैं। इनकी बगिया में वो औषधीय पेड़-पौधे हैं, जिनका जिक्र चरक संहिता में मिलता है।
इन पौधों में कई ऐसे पौधे हैं, जो बिलुप्त हो चुके हैं। इनकी बगिया में सतावर, काली मूसली, सफेद मूसली, हाथी पंजा, सामृद्ध कमरकस, लालवंती, बृजराज, जंगली अजवाइन, दहिमन, बालम खीरा आधी, नानिह पत्ती, काली हल्दी तीखुर सहित करीब 250 प्रजाति के पेड़-पौधे हैं।
पीएम मोदी के ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड आज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड आज प्रसारित होगा। इस ऐतिहासिक क्षण को यादगार बनाने के लिए पूरे देश में इसकी लाइव स्क्रीनिंग की जाएगी। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भी लाखों लोगों के इस लोकप्रिय कार्यक्रम को सुनने की उम्मीद है। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भी ‘मन की बात’ के 100वां एपिसोड का सीधा प्रसारण होगा।
‘मन की बात’ कार्यक्रम का प्रसारण सुबह 11 बजे शुरू होगा। हालांकि, इस दौरान न्यूयॉर्क में रात के 1:30 बज रहे होंगे। इसे आकाशवाणी समेत विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर सुना जा सकेगा। भाजपा ने मन की बात कार्यक्रम के 100वें एपीसोड को सुनने के लिए खास तैयारी की है। यह दिल्ली में 6530 स्थानों पर सुना जाएगा। इसके साथ ही कई नागरिक संगठन, आरडब्ल्यूए व व्यापारी संगठनों ने भी अपने-अपने माध्यम से विभिन्न स्थानों पर मन की बात कार्यक्रम को सुनने के लिए सार्वजनिक व्यवस्था की है।
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने तीन अक्टूबर, 2014 को पहली बार ‘मन की बात’ के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया था। तब से हर महीने के आखिरी रविवार को नियमित रूप से इसका कार्यक्रम का प्रसारण हो रहा है। पीएम मोदी इस रेडियो कार्यक्रम के जरिए महिलाओं, युवाओं, किसानों के साथ विभिन्न सामाजिक समूहों को संबोधित करते हैं और लोगों से संवाद भी करते हैं।