भोपाल, (वेब वार्ता)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक साल पहले भोपाल की जर्जर हालात पर नाराजगी दर्ज की थी। इसके बाद उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाकर शहर के जानलेवा गड्ढों की तुरंत मरम्मत करने को कहा था। हालांकि, इसके बाद लोक निर्माण विभाग और नगर निगम ने अधिकारियों ने तुरंत ही गड्ढों की मरम्मत कर दी थी। इससे सबक लेकर इस साल पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बारिश से पहले सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए अभियान शुरू करने निर्देश जारी किए थे। इसमें अधिकारियों को सड़कों की जिम्मेदारी देने के साथ गड्ढों की सूचना और फोटो भेजने वॉट्सएप ग्रुप बनाने और सेंट्रल कंट्रोल रूम बनाने को कहा गया, ताकि बारिश में जहां भी सड़क पर गड्ढा हो उसे तुरंत सुधारा जाए। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की उदासीनता का आलम यह है कि आदेश का क्रियान्वयन करना ही भूल गए। इसका नतीजा यह हुआ कि प्रदेश की अधिकतर सड़कें जर्जर और गड्ढों में तब्दील हैं। जिस पर पेचवर्क नहीं होने से दुर्घटनाएं होने के साथ ही जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
भोपाल संभाग में सबसे खराब सड़कें
पूरे प्रदेश की सड़कों में बारिश के बाद गड्ढे हो गए हैं, लेकिन इसमें भी भोपाल संभाग में सड़कों की स्थिति सबसे दयनीय है। यहां पर भोपाल, सीहोर, राजगढ़, विदिशा और रायसेन में बारिश के बाद टूटी सड़कें मेंटेनेंस के अभाव में जर्जर हो गईं। हालांकि, राजधानी में सवाल उठने पर अधिकारियों ने कुछ जगह पेचवर्क का काम कराया है। हालांकि, बावड़ियां कला, रोहित नगर, अयोध्या बायपास, बागसेविनया में अभी भी कई सड़कें जर्जर हैं।
चुनावी दांव पड़ सकता है उलटा
भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में 2003 के पहले दिग्विजय सिंह सरकार के समय की सड़कों की तुलना आज के मध्य प्रदेश से कर रही है। वह उस समय की सड़कों की बदहाली गिना रही है। जबकि बारिश के बाद आज भी सड़कें बदहाल और गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं।
72 हजार किमी सड़कों पर गड्ढे
प्रदेश में पीडब्ल्यूडी की करीब 72 हजार किमी सड़कें है। इसमें अधिकतर सड़कों में जगह-जगह गड्ढे हैं। जानकारों का कहना है कि हर साल यही स्थिति बनती है। इसमें गड्ढों में से गाड़ी चलाना और जर्जर सड़कों की उड़ती धूल मुसीबत बढ़ाती है। इससे भाजपा का चुनावी दांव उलटा पड़ सकता है।
पेचवर्क की समय सीमा 10 अक्तूबर तक
लोक निर्माण विभाग ने सभी सड़कों का सर्वे करने के बाद पेचवर्क करने के लिए आदेश जारी किए हैं। 25 सितंबर को जारी आदेश में समयसीमा 10 अक्तूबर तय की गई है। इसमें ठेकेदार के मेंटनेंस करने वाली सड़कों को छोड़कर बाकी के लिए करीब 20 करोड़ रुपये सुधार कार्य के लिए जारी किए गए हैं।
पीएस ने जारी किया था गड्ढा मुक्त अभियान का आदेश
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने अप्रैल 2023 में गड्ढा मुक्त अभियान के लिए आदेश निकाला था। इसमें इसके तहत बारिश के पहले ‘प्रिवेंटिव मेंटेनेंस’ (पूर्व रखरखाव) कर सड़कों में गड्ढे होने ही नहीं दिए जाएंगे। यदि किसी कारण से गड्ढे हो गए तो प्रारंभिक अवस्था में ही इनकी पहचान कर बारिश में ही मेंटेनेंस की कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए वॉटसग्रुप बनाने, कार्यपालन यंत्री से लेकर सहायक यंत्री स्तर के अधिकारियों को सड़कों की जिम्मेदारी देना तय किया गया था। साथ ही कंट्रोल रूप स्थापित करने की बात कही गई थी।
हमारे काम लगातार चल रहे : प्रमुख सचिव
पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह ने सड़कों के पेचवर्क को लेकर कहा कि अगस्त में हमने काम किया। सितंबर में बारिश आने के बाद काम रोक दिया गया था। अब फिर से सर्वे कर कार्य आदेश जारी कर दिए है। गड्ढा मुक्त अभियान में भी सड़कों को सुधारा गया है।