भोपाल, (वेब वार्ता)। वर्षा से खराब हुई भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर सहित प्रदेश के 413 नगरीय निकायों की सड़कों को सुधारने के लिए सरकार 1200 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में कायाकल्प योजना के अंतर्गत राशि स्वीकृत करने के प्रस्ताव पर निर्णय लिया जाएगा। विभागीय सर्वे के अनुसार 1700 किमी की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। प्रदेश में 16 नगर निगम, 99 नगर पालिका और 298 नगर परिषद हैं। इनके अंतर्गत 23,559 किमी पक्की सड़कें आती हैं। कुछ क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा होने से सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए स्टेट क्वालिटी मानिटर नियुक्त किए जाएंगे। काम प्रारंभ होने के पहले और बाद की फोटो ली जाएगी। संभागवार मोबाइल टेस्ट लैब की स्थापना होगी और अभियंताओं की कार्यवार नामजद जिम्मेदारी निर्धारित होगी। बैठक में इसके अलावा आशा कार्यकर्ता और पर्यवेक्षकों की प्रोत्साहन राशि में वृद्धि, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की निजी स्थापना में लवीना फूलवानी की संविदा नियुक्ति, रीवा जवा तहसील को अनुविभाग का दर्जा देने, भारतीय जनता पार्टी मंडल अशोक नगर को कार्यालय निर्माण के लिए भूमि आवंटन, मेधावी विद्यार्थी योजना में संशोधन, कपास पर मंडी शुल्क कम करने, खेलो एमपी यूथ गेम्स सहित अन्य विषयों पर निर्णय लिया जाएगा।
भोपाल में बनेगा तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से नया बाइपास भोपाल में बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुए सरकार तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से नया बाइपास बनाएगी। यह मंडीदीप के पहले से शुरू होकर कोलार रोड होते हुए फंदा के आगे देवास-इंदौर मार्ग से जुड़ेगा। इसमें एक रेलवे ब्रिज, दो फ्लाइओवर और 15 अंडरपास बनेंगे। इस बाइपास के बनने से जबलपुर या नर्मदापुरम से आने वाले लोगों को इंदौर जाने के लिए लगभग 25 किमी कम दूरी तय करनी होगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि भोपाल का नया बाइपास 40.90 किमी का रहेगा। चार लेन के इस बाइपास के साथ दो लेन की सर्विस रोड भी बनाई जाएगी। परियोजना लागत की चार प्रतिशत राशि पांच किस्तों में तो शेष राशि 15 वर्षों में किस्तों में दी जाएगी। इस बाइपास के बनने से वाहन भोपाल शहर में नहीं आएंगे। मंडीदीप से कोलार, रातीबड़, फंदा होते हुए देवास-इंदौर मार्ग पर आ जाएंगे।