भोपाल। मेट्रो रेल के पिछड़ते काम से प्रबंध संचालक मनीष सिंह खासे नाराज हैं। गुरुवार को उन्होंने मेट्रो की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों और कांट्रेक्टर्स काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। तय समय में काम पूरा नहीं होने और पर्याप्त जानकारी नहीं होने पर एजीएम सिविल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही उनका एक माह का वेतन काटने के निर्देश भी दिए हैं।
बता दें कि भोपाल और इंदौर में मेट्रो का संचालन मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। मुख्यमंत्री ने स्वयं सितंबर 2023 से पहले प्रायोरिटी कारिडोर में मेट्रो का ट्रायल रन शुरू करने की घोषण की है। लेकिन बीते चार वर्षों में 50 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हो पाया है। इस प्रोजेक्ट में अब 10 महीने शेष हैं। इतने कम समय में दोनों शहरों में मेट्रो का संचालन शुरू करना बड़ी चुनौती है। इसलिए मप्र मेट्रो का प्रबंध संचालक बनते ही मनीष सिंह ने काम में कसावट लाना शुरू कर दी है। उन्होंने काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के वेतन काटने की चेतावनी भी दी है।
अब पांच की जगह छह दिन कार्यालयों में होंगे काम, फील्ड में सातों दिन अनिवार्य
सितंबर 2023 से पहले प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एमडी ने मेट्रो के कार्यालयों में सप्ताह में पांच की जगह छह दिन काम करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही फील्ड में इंजीनियरों को सातों दिन काम करना अनिवार्य कर दिया है। निर्धारित समय सीमा में काम पूरा करने के लिए दिन-रात काम करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कांट्रेक्टर को श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं।
मेट्रो निर्माण कार्य में गुणवत्ता और सुरक्षा जरूरी
समीक्षा बैठक के दौरान मनीष सिंह ने मेट्रो निर्माण कार्य में गुणवत्ता और सुरक्षा को सर्वोपरि बताया है। जल्दबाजी में इससे समझौता नहीं करने के निर्देश भी दिए हैं। सिंह ने सिविल महाप्रबंधक को निर्देशित किया है कि जो भी सिविल के कार्य बचे हैं, उनको पूर्ण करने के लिए सूची तैयार कर कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करें। साथ ही प्रबंध संचालक द्वारा जनरल कंसलटेंट के रेसिडेंट इंजीनियर गजपाल सिंह सोलंकी द्वारा पअेक्षित जानकारी उपलब्ध होने पर प्रशस्ति पत्र देने के लिए निर्देशित किया है।