श्योपुर, (वेब वार्ता)। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) से हाल ही में भटक गया एक चीता सोमवार को पास के एक गांव के करीब घूमता नजर आया और उसे क्वारी नदी से पानी पीते देखा गया। वन विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि पिछले साल सितंबर में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों में से एक ‘ओबैन’ रविवार को केएनपी के फ्री रेंज क्षेत्र से भटक कर लगभग 15-20 किलोमीटर दूर बड़ौदा गांव के पास एक खेत में देखा गया। इसे केएनपी के जंगल में पिछले महीने छोड़ा गया था।
श्योपुर के संभागीय वन अधिकारी पीके वर्मा ने कहा कि एक निकटवर्ती गांव के पास चीते को देखा गया और वह केएनपी से सटे एक किलोमीटर के क्षेत्र में घूम रहा था। उन्होंने कहा, “यह जानवर के लिए एक सामान्य प्रक्रिया है। चीता गांव से दूर है और गांव केएनपी के पास है इसलिए वह वहां पहुंच गया है। उसके रेडियो कॉलर के जरिए उसकी हरकत पर नजर रखी जा रही है।”
Sheopur, Madhya Pradesh | Cheetah Oban, one of the cheetahs brought from Namibia, entered Jhar Baroda village of Vijaypur which is 20 kms away from Kuno National Park. Monitoring team has also reached the village. Efforts are underway to bring the cheetah back: DFO
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— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 2, 2023
सितंबर 2022 में नामीबिया से केएनपी लाए गए आठ चीतों में से चार को बाड़ों में से निकाल कर जंगल में छोड़ा गया है। ओबैन और आशा को 11 मार्च को जंगल में छोड़ दिया गया जबकि एल्टन और फ्रेडी को 22 मार्च को जंगल में छोड़ा गया।
भारत में विलुप्त घोषित हो चुकी चीतों की प्रजाति को पुन: बसाने की योजना के तहत नामीबिया से आठ चीते जिनमें पांच मादा और तीन नर शामिल है, को केएनपी लाया गया और 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विशेष बाड़ों में छोड़ा गया था। उनमें से एक, साशा की 27 मार्च को गुर्दे की बीमारी से मृत्यु हो गई, जबकि दूसरी सियाया ने चार शावकों को जन्म दिया, जिन्हें पहली बार 29 मार्च को देखा गया। इसके अलावा इस साल 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से सात नर और पांच मादा सहित 12 चीतों का दूसरा जत्था लाया गया।