नित्य तैराकी मंडल के सदस्य शंकर श्रीवास्तव ने बताया जब वे स्नान करने के बाद शिव भगवान का पूजन कर रहे थे, तभी उनकी नजर इस पत्थर पर पड़ी। उन्होंने वहां मौजूद लोगों को ही इसकी जानकारी दी। फिर तैराकर उसे दिखाया। उन्होंने बताया ये पत्थर केवल रामेश्वरम व उसके आसपास के क्षेत्रों में ही दिखाई देते हैं। नर्मदा तटों के किनारे ऐसे पत्थरों के मिलने की अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है। शायद कोई वहां से लेकर आया होगा,जो यहां रखकर गया है। पत्थर करीब 5 किलो वजनी है, जो दो टुकड़ों में मंदिर के पास रखा था।
रील्स बनाकर अपलोड किए
जिलहरी घाट में मौजूद युवाओं ने तत्काल अजूबा लग रहे पत्थर के वीडियो व रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। वहीं कुछ ने अपने परिजनों व रिश्तेदारों को वीडियो फोटो सेंड कर उन्हें इसकी जानकारी दी।
गीता धाम में रखा है रामसेतु का पत्थर
जबलपुर में नर्मदा तट से लगे गीताधाम में करीब 4 दशक पहले से रामसेतु का एक पत्थर रखा हुआ है, जो बकायदा पानी में तैरता है। लोग इस पत्थर को देखने भी यहां आते हैं। गीता धाम के महंत स्वामी श्यामदास महाराज के समय से ही रामसेतु पत्थर को सम्मान पूर्वक यहां रखा गया था। लेकिन नर्मदा नदी में पानी में तैरने वाले दो पत्थर मिलना एक बड़ा रहस्य बना हुआ है। हाल के दिनों में अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म रामसेतु भी आई थी, जिसमें इन पत्थरों के बारे में विस्तार से बताया गया था, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि नर्मदा में ये पत्थर कहां से आ गए। सवाल उठ रहा है कि यदि कोई शख्स रामेश्वरम से इन अनमोल पत्थरों को लाएगा भी तो इस प्रकार नदी में यूं ही क्यों छोड़ जाएगा।