इंदौर, 07 नवंबर (वेब वार्ता)। इंदौर-खंडवा-एदलाबाद हाईवे के निर्माण को लेकर भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। जंगल से राजमार्ग निकालने के लिए तीन स्थानों पर अलाइनमेंट बदला गया है। यहां अतिरिक्त पेड़ भी काटे गए हैं। इसके लिए वन व पर्यावरण मंत्रालय से किसी प्रकार की भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने अनुमति नहीं ली है। अब सड़क के लिए काटे गए पेड़ों की वन विभाग गिनती करवाने में लगा है।
सोमवार को इंदौर वनमंडलाधिकारी ने चोरल रेंजर को जिम्मेदारी सौंपी है, जिसमें सड़क के लिए जंगल में किए नुकसान के बारे में भी बताना है। उधर सोमवार को एनएचएआइ और मेघा कंस्ट्रक्शन एजेंसी के अधिकारी भी वनमंडलाधिकारी से मिले हैं। उन्होंने बदले गए अलाइनमेंट को नए सिरे से प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।
सड़क के बीच मंदिर भी
भेरूघाट के पास बनने वाली पहली सुरंग से निकलने वाले रास्ते को हल्का सा मोड दिया है। इसके अलावा दो स्थानों पर और अलाइनमेंट बदला जाना है। इसके अलावा चोरल से गुजरने वाली सड़क के बीच एक प्राचीन मंदिर खुटा हनुमान देवस्थल बाधक है। बरसों पुराने इस मंदिर से 47 गांवों में रहने वालों की आस्था है। हटाने के लिए एजेंसी को काफी दिक्कतें आ रही है, क्योंकि ग्रामीण मंदिर को दूसरी तरफ शिफ्ट करने को राजी नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी के अधिकारियों ने कुछ महीनों पहले तत्कालीन डीएफओ नरेंद्र पंडवा से भी मुलाकात की थी। उन्होंने मंदिर को हटाकर सड़क निकालने की बात कहीं, लेकिन विभाग ने नई जगह मंदिर बनाने पर आपत्ति ली। इसके चलते मंदिर को छोड़कर आसपास का काम किया गया। यहां भी कुछ पेड़ों को काटना सामने आया है। मगर वन विभाग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
प्रस्ताव को भेजेंगे मुख्यालय
हाईवे में बदले गए अलाइनमेंट को लेकर एनएचएआइ के अधिकारियों से चर्चा की गई है। जल्द ही प्रस्ताव बनाकर देने को कहा है। उसके बाद प्रस्ताव को वन विभाग मुख्यालय भेजा जाएगा। वैसे बगैर अनुमति वाले वनक्षेत्र में किए निर्माण के दौरान काटे गए पेड़ों की गिनती करवाएंगे। उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
-महेंद्र सिंह सोलंकी, डीएफओ, इंदौर वनमंडल