भोपाल, (वेब वार्ता)। भोपाल में चल रही बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बुधवार को हनुमंत कथा में कहा कि जो हनुमान का भक्त होता है उसे राज्य भी मिलता है और राम भी। उन्होंने कहा कि कुछ वी.आई.पी. भी बैठे हैं वे अंदर आने लड़े हैं फिर भी बालाजी के दरबार में पड़े हैं।
आगे उन्होंने कहा कि इस संसार में सबसे बड़ा वक्ता व श्रोता श्री हनुमान जी महाराज हैं । इसीलिए जीवन की हर सफलता के लिए हनुमान भक्ति ही एकमात्र उपाय है। जो हनुमान का भक्त होता है उसे राज्य भी मिलता है और राम भी। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हर मनुष्य सुखी होना चाहता है इसी के दृष्टिगत यहां आयोजित कथा का विषय संदर्भ इस चौपाई पर आधारित है- सब सुख लहें तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना।
पंडित श्री शास्त्री ने कहा कि मनुष्य कि कामनाओं का अंत नहीं है। वह कामनाओं की पूर्ति में सुख की आकांक्षा करता हैं, लेकिन सुख सदैव राम रस से प्राप्त होतें हैं, काम रस से नहीं। उन्होंने आवाहन किया कि मनुष्य को काम रस में नहीं बल्कि राम रसमय जीवन जीना चाहिए क्योंकि संसार में शाश्वत सुख की प्राप्ति राम भक्ति से ही संभव है इस दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं जो सम्पन्न तो हैं लेकिन सुखी नहीं है। उनके पास बंगला, मोटर, कार, धन, संपदा सब कुछ है लेकिन शांति नहीं हैं उनकी आंखों में नींद नहीं है ऐसे लोगों को काम रस छोडकर राम रस में जीना चाहिए। आज कथा का पहला दिन था। गुरुवार को भी कथा वाचन किया जाएगा। इसके साथ ही सुबह दिव्य दरबार भी लगेगा।
गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन
28 सितंबर को कथा स्थल पर ही सुबह 10 बजे से दिव्य दरबार लगेगा। जिसके बाद 2 बजे से श्री हनुमंत कथा होगी। वहीं अनंत चतुर्दशी के अवसर पर श्री गणेश भगवान के पूजन के साथ ही गणेश विसर्जन भी होगा। यहां भोपालवासी अपने घरों में विराजे श्री गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन कर सकेंगे। इसके लिये कथा स्थल पर विसर्जन कुंड भी बनाए गए हैं।
कई राज्यों से पहुंचे भक्त
हनुमंत कथा सुनने के लिए मध्य प्रदेश के साथ-सा द कई अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी भोपाल पहुंचे हुए हैं। भक्त महाराष्ट्र, गुजरात, चंडीगढ़, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली आदि राज्यों से भी बडी संख्या में आए हैं जिनके ठहरने और भोजन की निशुल्क व्यवस्था की गई है।
बागेश्वर बालाजी की कृपा से धन्य
कथा के आरंभ में आयोजक चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग व सभी परिवारजनों ने व्यासपीठ की पूजन की। कथा का आरंभ करते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कथा पंडाल में उमड़े पांच लाख से अधिक श्रृद्धालुओं के जन समुद्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि बोलो- सीताराम हनुमान, साधु जी सीताराम। जय सन्यासी बाबा, जय बागेश्वर धाम।