मुरैना, 20 सितंबर (वेब वार्ता)। प्रदेश के मालवा अंचल के अलावा राजस्थान में हो रही बारिश के कारण चंबल नदी में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है, हालाकि मुरैना से लेकर श्योपुर तक बारिश नहीं हो रही, पर चंबल नदी में राजस्थान के कोटा बैराज से छोड़े गए 2.80 लाख क्यूसेक पानी से चंबल में उफान की आशंका है। बाढ़ जैसे हालात देखते हुए जिला प्रशासन ने मुरैना जिले के 88 गांवों में अलर्ट जारी करवा दिया है।
गौरतलब है कि राजस्थान के अलावा मप्र के मालवा अंचल में लगातार बारिश हो रही है। इस बारिश से मंदसौर का गांधी सागर डैम के अलावा अन्य बांध भी फुल हो गए हैं। गांधी सागर बांध का पानी चंबल नदी में छोड़ने से राजस्थान के कोटा में बना कोटा-बैराज डैम भी ओवरफ्लो हो गया।
इसलिए मंगलवार की शाम साढ़े 6 बजे तक कोटा बैराज के कुल 13 गेट खोलकर 2.80 लाख क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया है, जिसके और भी बढ़ने की संभावना है। यह पानी बुधवार शाम तक मुरैना में चंबल नदीं तक पहुंचेगा। हालाकि नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है। सोमवार शाम को चंबल का जलस्तर 121.15 मीटर था, जो मंगलवार शाम साढ़े 6 बजे 125 मीटर के पार हो गया।
चंबल नदी का खतरे का निशान 138 मीटर पर है, खतरे के निशान तक पहुंचने के लिए 4 लाख क्यूसेक पानी चाहिए। कोटा बैराज से छूट रहे तीन लाख क्यूसेक पानी से चंबल का जलस्तर अप्रत्याशित रूप से बढ़ेगा, कई गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं, इसीलिए जिला प्रशासन ने सोमवार शाम से ही 88 गांवों में बाढ़ का अलर्ट जारी करवा दिया है।